नयी दिल्ली- तेजज्ञान फाउण्डेशन की ओर से रजत जयंती ध्यान महोत्सव का आयोजन दिल्ली में किया गया था ! इस समारोह में प्रमुख अतिथि आयुर्वेद विशेषज्ञ आचार्य मनीष जी, स्टालवार्ट एजुकेटर के अवध ओझा, तेजज्ञान फाउंडेशन की कार्यकारी ट्रस्टी तेजविद्या ये गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे । तेजज्ञान फाउण्डेशन का रजत जयंती ध्यान महोत्सव में दिल्ली शहर और आस पास के सैकड़ो के तादाद में लोग जुड़े हुए थे इस अवसर पर साथ में इकट्ठा होकर रजत ध्यान जयंती महोत्सव बड़ी शान से मनाया गया इस अवसर पर बोलते हुए आचार्य मनीष जी ने कहा कि तेजज्ञान फाउण्डेशन के संस्थापक तेजगुरु सरश्री इन्होंने पिछले २५ सालों से ध्यान के माध्यम से समाज में सकारात्मक का बीज समाज में बोने का काम किया है उन्होंने आगे कहा कि तेजज्ञान फाउण्डेशन एक चैरिटेबल इंस्टिट्यूट है, जो पूरे मानव जाति के कल्याण के लिए समर्पित किया है। अवध ओझा इन्होंने कहा कि ध्यान से गहरी, आंतरिक शांति, मानसिक संतुष्टि मिलती है।  इसके अलावा हम दैनिक तनाव, चिंता, भय से मुक्त हो जाते हैं और हमारे अंदर एकाग्रता, जागरूकता आती है।  सटीक निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है, ध्यान से जीवन में सही दिशा मिलती है। इस लिए रोज ध्यान करना जरूरी है ! तेजज्ञान फाउंडेशन का समाज के लिए योगदान बहुत बड़ा है!तेजज्ञान फाउंडेशन के कार्यकारी ट्रस्टी तेजविद्याजीने जीवन में ब्रेक लेने के महत्व को समझाते हुए कहा कि उनका फाउंडेशन विश्व शांति के लिए प्रतिबद्ध है और बाहरी दुनिया में शांति स्थापित करने के लिए सबसे पहले आंतरिक शांति आवश्यक है।  उन्होंने कहा कि यदि आप अपना मोबाइल फोन एक तरफ रखकर बैठना शुरू कर देंगे तो आप ध्यान के माध्यम से इस अल्पविराम को अपने जीवन में उतार लेंगे और आपको जीवन की सर्वोच्च खुशी से परिचित करा देंगे। सरश्री इन्होंने कहा कि हर व्यक्ति अपने काम से जाना जाता है.  इसलिए गुणवत्तापूर्ण कार्य महत्वपूर्ण है। अतः वह व्यक्तिगत जनकल्याणकारी कार्य कर सकता है।  यह समय की मांग है.  इसलिए आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर किसी के लिए रोजाना ध्यान करना बहुत जरूरी है ! ध्यान की गहराइयों में उतरकर जो आनंद प्राप्त होता है वह स्थाई होता है।  आमतौर पर व्यक्ति बाएं मस्तिष्क का अधिक उपयोग करता है, लेकिन ध्यान रचनात्मक कार्य करने के लिए बाएं और दाएं मस्तिष्क को संतुलित कर सकता है।  और इससे हमारे काम में सुंदरता और गुणवत्ता आती है।

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