नई दिल्ली – देश की राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर दिल्ली देहात विकास मंच के बैनर तले हजारों किसान, मजदूर और नागरिक एकत्र हुए। उनका मुख्य उद्देश्य मास्टर प्लान दिल्ली 2041 (एमपीडी-2041) के तहत लैंड पूलिंग पॉलिसी और ग्रीन डेवलपमेंट एरिया पॉलिसी को तुरंत लागू करने की मांग करना था। यह प्रदर्शन दौलतपुर में 120 दिनों और कंझावला में सौ दिनों से चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल का विस्तार है। प्रदर्शनकारियों ने इन नीतियों में हो रही देरी के कारण हो रही आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों को उजागर किया।डीडीवीएम के नेतृत्व में कई प्रमुख नेता इस आंदोलन को आगे बढ़ा रहे हैं। इनमें दिल्ली मास्टरप्लान समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र बजाद व पालम के प्रधान राम कुमार सोलंकी प्रमुख है । एमपीडी-2041, एलपीपी और जीडीए पॉलिसी दिल्ली को एक समावेशी और टिकाऊ शहर में बदलने का ऐतिहासिक अवसर प्रदान करती हैं। इनके माध्यम से सत्रह लाख नए घर, बीस लाख नौकरियां, और दो हजार से अधिक स्कूल, अस्पताल और कॉलेज स्थापित किए जा सकते हैं। साथ ही, ग्रीन डेवलपमेंट पॉलिसी के तहत हरित क्षेत्र और जैव विविधता को बढ़ावा दिया जाएगा।डीडीवीएम ने प्रमुख चुनौतियों को रेखांकित किया, जैसे मास्टर प्लान की अधिसूचना में देरी, लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत न्यूनतम 70 फीसदी भूमि को संगठित करने की आवश्यकता, और डीडीए अधिनियम में संशोधन की जरूरत। इन देरी के कारण दिल्ली में अनाधिकृत निर्माण और आर्थिक असमानता बढ़ रही है।डीडीवीएम ने राजनीतिक दलों को चेतावनी दी कि जो भी उनकी मांगों का समर्थन करेगा, उन्हें उनका समर्थन मिलेगा। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष सहित कई नेताओं ने किसानों को समर्थन देने का आश्वासन दिया। डीडीवीएम ने सभी नागरिकों से इस अभियान में शामिल होने की अपील की है। उनका कहना है, यह सिर्फ किसानों की लड़ाई नहीं, बल्कि दिल्ली व देश के भविष्य को सुरक्षित करने की लड़ाई है।