नई दिल्ली –  पहला चुनाव जब आम आदमी पार्टी पहली बार चुनावी ताल ठोकने के लिए उतरी. पार्टी ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए 28 सीटें जीतीं. फिर 2015 के चुनाव में तो पार्टी ने 70 में से 67 सीटें जीत लीं. इसके बाद 2020 में फिर आम आदमी ने 62 सीटें जीत इतिहास रच दिया. लेकिन इतनी कामयाबी के बाद भी एक किला ऐसा है जहां पर दिल्ली में 67 से लेकर 62 तक सीटें जीतने के बाद भी आम आदमी को जीत नहीं मिल सकी.इस सीट का नाम है विश्वास नगर विधानसभा सीट. इस बार इस सीट के समीकरण कहानी पलटते दिख रहे हैं. क्योंकि इस बार आम आदमी  ने इस सीट से उस चाणक्य को उतारा है. जिसने आम आदमी को 2022 के MCD के चुनावों में ऐसी जीत दिलाई कि BJP भी यकीन नहीं कर सकी. प्रत्याशी का नाम है दीपक सिंघल. जिनपर खुद आम आदमी का शीर्ष नेतृत्व इतना भरोसा करता है कि आम आदमी की पहली लिस्ट में ही इनका नाम घोषित कर दिया गया.जबकि बीजेपी ने इस सीट से एक बार फिर वर्तमान विधायक ओपी शर्मा को काफी सोच विचार करने के बाद मौका दिया. इस सीट की खास बात है कि आम आदमी के दीपक सिंघल और ओपी शर्मा दोनों ही मिठाईवाले भी हैं. मीडिया रिपोर्ट्स और सर्वे के मुताबिक इस बार बीजेपी के लिए इस सीट पर मुश्किलें बन रही हैं. क्योंकि लगातार जीत रहे बीजेपी विधायक के खिलाफ़ एंटी इनकंबेसी का प्रभाव नज़र आ रहा है. खुले शब्दों में ही आम जनता विधायक से नाराज़ भी नज़र आ रही है.वहीं आम आदमी उम्मीदवार ने इलाके के लिए केजरीवाल के वादों के साथ-साथ जनता के लिए अलग घोषणाएं भी कर दी हैं. दीपक के चुनावी वादों में पानी की समस्या से स्थाई निज़ात, बेरोजगार युवा पीढ़ी को स्वरोजगार, बेसहाराओं के लिए स्थाई रैन बसेरे, बुजुर्गों की पेंशन और सबसे प्रमुख प्राइवेट सोसाइटी में रहनेवालों को मेंटिनेन्स के नाम पर लूट से मुक्ति दिलाने की घोषणाएं की हैं.जबकि अभी ये देखना बाकी है कि 04 जनवरी को नाम घोषित होने के बाद अब BJP उम्मीदवार किस प्रकार से अपना कैम्पेन शुरू करते हैं. हालांकि इस बार इस सीट पर समीकरण बदल सकते हैं.