नई दिल्ली – अग्रणी एफएमसीजी समूह और बहुव्यवसायी कॉर्पोरेशन, डीएस ग्रुप ने वित्त वर्ष 2024-25 में 10,000 करोड़ के ऐतिहासिक राजस्व को पार कर लिया है, जिससे यह भारत की शीर्ष 15 एफएमसीजी कंपनियों में शामिल हो गया है। इस उपलब्धि में सबसे बड़ा योगदान खाद्य एवं पेय सेगमेंट का रहा, जो कुल राजस्व का 42% है। इसके बाद माउथ फ्रेशनर सेगमेंट 38%, हॉस्पिटैलिटी 3% और अन्य व्यवसायों का संयुक्त योगदान रहा, जिसमें तंबाकू सेगमेंट का हिस्सा 10% से भी कम है। पिछले तीन वर्षों में डीएस ग्रुप ने 16% की सीएजीआर दर से सतत विकास किया है, जबकि खाद्य एवं पेय सेगमेंट ने 19% की सीएजीआर के साथ उल्लेखनीय प्रगति की है। यह वृद्धि पूरी तरह से ऑर्गेनिक रही है और इससे समूह की बाज़ार में नेतृत्वकारी स्थिति और विस्तार की प्रतिबद्धता प्रमाणित होती है। डीएस ग्रुप की लगातार सफलता के पीछे उसका स्वाद और सुगंध के क्षेत्र में दशकों का अनुभव, उपभोक्ता व्यवहार की गहरी समझ और देशभर में फैला मजबूत वितरण नेटवर्क है। समूह के पास 150 से अधिक सुपर स्टॉकिस्ट, 5000 से अधिक वितरक, और 15 लाख से अधिक रिटेल दुकानों तक सीधी और 35 लाख से अधिक तक अप्रत्यक्ष पहुंच है। ई-कॉमर्स, क्विक कॉमर्स और आधुनिक ट्रेड को अपनाकर डीएस ग्रुप ने उपभोक्ता की बदलती आवश्यकताओं को समझा और अपनाया है। साथ ही, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन जैसी तकनीकों के साथ समूह उद्योग में अपनी प्रासंगिकता बनाए हुए है।डीएस ग्रुप के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने इस अवसर पर कहा,10,000 करोड़ का आंकड़ा पार करना केवल एक वित्तीय उपलब्धि नहीं, अपितु भारत के विकास में हमारी अहम भूमिका का प्रतीक है। विविध उत्पाद पोर्टफोलियो, गुणवत्ता व नवाचार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और देश के सबसे बड़े वितरण नेटवर्क में से एक ने हमें एफएमसीजी क्षेत्र में अग्रणी बनाया है। उन्होंने आगे कहा, खाद्य एवं पेय सेगमेंट ने बीते तीन वर्षों में तीव्र वृद्धि दिखाई। हम अपने शताब्दी वर्ष तक 20,000 करोड़ के लक्ष्य को हासिल करने का संकल्प रखते हैं।

Leave a Reply