चेन्नई – एसआरएमआईएसटी के ईवी अनुसंधान को लेकर दूरदर्शी दृष्टिकोण की सराहना करते हैं। वास्तविक दुनिया के नवाचार और अकादमिक उत्कृष्टता पर उनका फोकस, स्थायी गतिशीलता को आगे बढ़ाने के स्टेलैंटिस के मिशन के साथ पूरी तरह मेल खाता है। यह बात स्टेलैंटिस इंडिया के अधिकारी श्री अश्विन कौंडिन्य ने कही। एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के इलेक्ट्रिकल मोबिलिटी सेंटर और स्टेलैंटिस के बीच यह नई साझेदारी इलेक्ट्रिक वाहन अनुसंधान में नवाचार को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखती है। यह सहयोग के भीतर विकसित उन्नत अनुसंधान माहौल का लाभ उठाता है, जिससे नवाचार, कौशल विकास और वैचारिक उपलब्धियों को बाज़ार में तैयार ईवी तकनीकों में रूपांतरित करने की प्रक्रिया तेज होती है। डॉ. भरतराजा चोकलिंगम, सेंटर फॉर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ने कहा,हमारी डीएसटी-पर्स अनुदान यह दर्शाता है कि एसआरएम आईएसटी इलेक्ट्रिक और स्वायत्त गतिशीलता को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारे केंद्र में हम एक ऐसा राष्ट्रीय मंच तैयार कर रहे हैं जो नवाचार, कौशल विकास और उद्योग-केंद्रित शिक्षा को एकजुट करता है, ताकि छात्र, उद्यमी और शोधकर्ता भारत की सतत गतिशीलता की दिशा को संचालित कर सकें।इस सहयोग का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि स्टेलैंटिस इंडिया ने सेंटर को दो सिट्रोएन इलेक्ट्रिक वाहन प्रदान किए हैं। ये वाहन जीवंत अनुसंधान मंच के रूप में काम करेंगे, जिससे छात्रों और शोधकर्ताओं को सिस्टम परीक्षण, डायग्नोस्टिक्स और प्रदर्शन अनुकूलन में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त होगा। इस पहल से छात्रों को वास्तविक वाहनों पर कार्य करने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी व्यावहारिक समझ गहरी होगी और वे उद्योग-तैयार ईवी इंजीनियर के रूप में विकसित हो सकेंगे। डॉ. सी. मुथमिझचेलवन, कुलपति, एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने कहा,एसआरएमआईएसटी में हम नवाचार के एक ऐसे इकोसिस्टम के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं जो इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, स्थिरता और ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग के क्षेत्रों की सीमाओं को आगे बढ़ाए। उद्योग के नेताओं के साथ रणनीतिक साझेदारी और अत्याधुनिक अनुसंधान संरचना में केंद्रित निवेश के माध्यम से हम अगली पीढ़ी के इंजीनियरों और विचारकों को तैयार कर रहे हैं। हमारा इलेक्ट्रिकल मोबिलिटी सेंटर केवल एक अनुसंधान केंद्र नहीं है, यह उत्कृष्टता, व्यावहारिक शिक्षा और हरित परिवहन के युग में राष्ट्र-निर्माण का एक मंच है। सहयोग को और भी मज़बूत बनाते हुए स्टेलैंटिस नेतृत्व द्वारा तकनीकी रूप से सक्रिय भागीदारी और सुविधाओं का दौरा भी किया गया है। एसआरएमआईएसटी के संकाय के साथ मिलकर, स्टेलैंटिस के विशेषज्ञों ने उच्च-प्रभाव अनुसंधान पथों की पहचान की है और दीर्घकालिक रणनीतियों को परिभाषित किया है, जो इलेक्ट्रिकल मोबिलिटी के भविष्य के लिए उपयुक्त हैं। इसमें ज्ञान-साझा सत्र, कार्यशालाएँ और कौशल विकास कार्यक्रम शामिल हैं ताकि एसआरएमआईएसटी की प्रतिभा वैश्विक ऑटोमोटिव उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप हो। श्री श्रीराम वेंकटारमणन, स्टेलैंटिस इंडिया ने कहा,स्टेलैंटिस में हमारा मानना है कि सतत गतिशीलता का भविष्य नवाचार-प्रेरित साझेदारियों में है, विशेष रूप से उन अकादमिक संस्थानों के साथ, जो गहन अनुसंधान क्षमताओं को वास्तविक इंजीनियरिंग अंतर्दृष्टि के साथ जोड़ते हैं। एसआरएमआईएसटी का इलेक्ट्रिकल मोबिलिटी सेंटर इस आदर्श का उत्तम उदाहरण है। उनकी उन्नत सिमुलेशन को उत्पादन-तैयार ईवी प्रणालियों में परिवर्तित करने की क्षमता, जो कठोर परीक्षणों से प्रमाणित होती हैं, उन्हें हमारे लिए आदर्श साझेदार बनाती है। हम साथ मिलकर न केवल अगली पीढ़ी की इलेक्ट्रिक वाहन तकनीकों को सह-विकसित कर रहे हैं, बल्कि उस प्रतिभा और सोच को भी पोषित कर रहे हैं, जो कल की गतिशीलता को संचालित करेगी।

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