नई दिल्ली- दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) ने पत्र लिखकर दिल्ली सरकर से अनुरोध किया है कि एनटीपीसी के अंटा, ओरैया और दादरी गैस प्लांटों से दिल्ली को मिलने वाली बिजली स्थायी रूप से जरूरतमंद राज्यों को एलोकेट कर दी जाए। फिलहाल, इन तीनों पावर प्लांटों से कुल 206 मेगावॉट बिजली को एलोकेटेड है। गौरतलब है कि एनटीपीसी के अंटा ओरैया और दादरी गैस प्लांटों से मिलने वाली बिजली काफी महंगी है। साथ ही, अंटा और ओरैया प्लांटों से 25 साल के लिए हुए समझौते की अवधि भी पूरी हो चुकी है। दादरी गैस प्लांट से हुए 25 साल के समझौते की समय-अवधि भी जल्द ही 31 मार्च, 2022 को खत्म होने वाली है। ऐसे में डीईआरसी ने दिल्ली सरकार से अनुरोध किया है कि महंगी बिजली लागत और समझौते की खत्म हो रही अवधि को देखते हुए, इन पावर प्लांटों से मिलने वाली बिजली अन्य जरूरतमंद राज्यों को स्थायी रूप से एलोकेट कर दी जाए।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली की औसत बिजली खरीद लागत काफी ज्यादा है और इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि कई पावर प्लांटों से दिल्ली को काफी महंगी दरों पर बिजली मिल रही है। डीईआरसी के पत्र के मुताबिक, दिल्ली में न तो कोयले की खानें हैं और न ही यहां हाइर्डे यानी पानी आधारित बिजली का उत्पादन करने की संभावना है। ऐसे में, दिल्ली अपनी बिजली आपूर्ति के लिए मुख्य तौर पर केंद्रीय पीएसयूज पर निर्भर है। बहरहाल,एनटीपीसी के कुछ पावर प्लांट ऐसे भी हैं, जहां से दिल्ली को अपेक्षाकृत सस्ती दरों पर बिजली मिल रही है। इन प्लांटों में शामिल हैं. उंचाहार 1, फरक्का 1 व 2 तथा कहलगांव 1। डीईआरसी ने दिल्ली सरकार से यह भी अनुरोध किया है कि दिल्ली में बिजली की जरूरतों को पूरा करने में उंचाहार 1, फरक्का 1 व 2 तथा कहलगांव 1 के योगदान तथा वहां से मिल रही अपेक्षाकृत सस्ती बिजली को ध्यान में हुए फिलहाल इन प्लांटों से दिल्ली को बिजली मिलने दी जाए। वर्तमान मे दिल्ली को इन पावर प्लांटों से कुल 98 मेगावॉट बिजली मिल रही है। हालांकिए इनक साथ हुए 25 साल के समझौते की अविध भी खत्म हो गई है।