नई दिल्ली- गुरुग्राम, जो कभी केवल दिल्ली का एक सैटेलाइट टाउन समझा जाता था, अब एनसीआर के सबसे गतिशील और निवेश योग्य रियल एस्टेट बाजारों में शुमार हो चुका है। इस बदलाव की सबसे बड़ी वजह है शहर में लगातार मजबूत हो रहा कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर, जो गुरुग्राम दिल्ली के साथ साथ पूरे एनसीआर और पड़ोसी राज्यों से भी निर्बाध रूप से जोड़ रहा है। द्वारका एक्सप्रेसवे, जिसका लगभग 18.9 किमी का हरियाणा हिस्सा मार्च 2024 में परिचालित हुआ और पूरा मार्ग जून 2025 तक खुल गया, इस क्षेत्र को एनसीआर का सबसे सक्रिय रियल एस्टेट माइक्रो‑मार्केट बना चुका है। स्क्वायर यार्ड्स की रिपोर्ट बताती है कि इस कॉरिडोर पर 2020 से वर्ष में 10,000 से अधिक नए रेजीडेंशियल यूनिट्स लॉन्च किए जा रहे हैं, जबकि महामारी से पहले यह 5,000–7,000 तक सीमित था। विशेष रूप से सेक्टर 37D, 103, 106, 111 और 113 जैसे क्षेत्रों में कुल सप्लाई का 74% हिस्सा रहा, जो इस रेंज में सबसे अधिक निवेश की ओर इशारा करता है। सेक्टर 37D तो 2024 में केवल छह महीनों में 27.6% तक की कीमत वृद्धि देख चुका है, मार्च से सितंबर के बीच ₹8,700 से बढ़कर ₹11,100 प्रति स्क्वेयर फुट हो गया है। सिग्नेचर ग्लोबल के चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल मानते हैं कि द्वारका एक्सप्रेसवे के साथ-साथ पूरा गुरुग्राम रियल एस्टेट सेक्टर एक नए युग में प्रवेश कर रहा है। आज जब हम देखें कि सेक्टर 37 जैसे क्षेत्रों में मेट्रो और एक्सप्रेसवे जैसी कनेक्टिविटी योजनाएं आकार ले रही हैं। सेक्टर 82 से लेकर 101 तक और सेक्टर 37 में कनेक्टिविटी सुधार के चलते रियल एस्टेट में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की जाएगी। आने वाले 2 वर्षों में इन क्षेत्रों में प्रॉपर्टी की मांग में 30 से 40 प्रतिशत तक की उछाल देखी जा सकती है।