नई दिल्ली – मिशन आईसीयू, एक स्वयंसेवा आधारित गैर-लाभ पहल, जो अस्पतालों को क्रिटिकल केयर उपकरण उपलब्ध कराकर ग्रामीण भारत में हेल्थकेयर सुविधाओं को सशक्त बनाने के लिए समर्पित है, ने सार्वजनिक चैरिटेबल संगठन कंपेशनेट पेशेंट रिस्पॉन्स, इंक. के साथ साझेदारी की है। सीपीआर की स्थापना ज़रूरतमंद समुदायों को क्रिटिकल केयर उपलब्ध कराने के लिए महामारी के दौरान की गई थी। दोनों संगठन ज़रूरतमंद लोगों के लिए जीवनरक्षक स्वास्थ्य सुविधाओं को सुलभ बनाने के लिए एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। साझा मिशन के तहत हेल्थकेयर लीडर, सीएसआर हैड, शोधकर्ता और इनोवेटर्स एक मंच पर इकट्ठा होंगे तथा 2047 तक भारत को महामारी एवं क्रिटिकल केयर के लिए तैयार करने हेतु योजनाओं पर चर्चा एवं विचार विमर्श करेंगे। 9 अक्टूबर को आयोजित इस सम्मेलन का विषय है,मिशन क्रिटिकल एनविज़निंग पेंडेमिक-रेडी इंडिया बाय 2047 इस पहल पर बात करते हुए डॉ अश्विन नायक, सह-संस्थापक, मिशन आईसीयू ने कहा, कोविड महामारी के सबक से विभिन्न सेक्टरों में आपसी सहयोग के द्वारा ऐसा हेल्थकेयर सिस्टम बनाना चाहते हैं, जो समावेशी, सुलभ और भविष्य के लिए तैयार हो।इस साझेदारी पर बात करते हुए डॉ सत्या गरीमेला, सह-संस्थापक, सीपीआर ने कहा, हम अपने संयुक्त प्रयासों के माध्यम से सीएसआर पहलों, स्टार्ट-अप इनोवेशन्स और मेडटेक की प्रगति के साथ ऐसी दीर्घकालिक योजनाओं को बढ़ावा देना चाहते हैं।कार्यक्रम के मुख्य विषय पर बात करते हुए कृष्णा कोट्टापल्ली, सह-संस्थापक, सीपीआर ने कहा, हेल्थकेयर में नए इनोवेशन लाना तथा आपसी तालमेल से सभी के लिए एक समान देखभाल को सुनिश्चित करना है।मिशन आईसीयू और सीपीआर का उद्देश्य चिकित्सा प्रणाली, मैनपावर की कमी को दूर करने के लिए किफ़ायती तकनीकी समाधानों तथा स्केलेबल मॉडल्स के ज़रिए सिस्टम में मौजूद खामियों को दूर करने पर विचार विमर्श किया जाएगा।हमारा उद्देश्य विशेष रूप से देश के क्रिटिकल केयर ढांचे को सशक्त बनाकर संवेदनशील समुदायों को सहयोग प्रदान करना है। यह साझेदारी आन्ध्र प्रदेश के रंगाराया अस्पताल को ज़रूरी क्रिटिकल केयर सुविधाओं से सुसज्जित करने में मिशन आईसीयू और सीपीआर के संयुक्त प्रयासों पर आधारित है, जो देश के हेल्थकेयर क्षेत्र में बदलाव लाने के उनके साझा लक्ष्य को आगे बढ़ाती है।