नई दिल्ली – डॉ वी. मोहन मधुमेह विशेषज्ञ और मद्रास मधुमेह अनुसंधान फाउंडेशन के अध्यक्ष वी. मोहन को हाल ही में यूरोपीय मधुमेह अध्ययन संघ द्वारा प्रथम इएएसडी मधुमेह वैश्विक प्रभाव पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया। डॉ मोहन यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करने वाले दुनिया के पहले व्यक्ति हैं। यह पुरस्कार उन्हें विएना में इएएसडी के 61वें वार्षिक सम्मेलन के दौरान प्रदान किया गया डॉ मोहन ने सम्मेलन में मधुमेह वैश्विक प्रभाव पुरस्कार व्याख्यान भी दिया। जहां हूं यूरोप में मधुमेह के क्षेत्र में उनके जीवन योगदान के लिए सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार मधुमेह स्वास्थ्य सेवा, अनुसंधान, शिक्षा, प्रशिक्षण जागरूकता और नीति के क्षेत्र में डॉक्टर वी. मोहन के व्यापक और उच्च प्रभावकारी कार्यों के सम्मान में दिया गया। डॉ. वी मोहन ने 1,800 से अधिक शोधपत्र प्रकाशित किए हैं, जिन्हें 2,43,000 से अधिक बार उद्धृत किया गया है। उनका h-index 169 है, जो किसी भी भारतीय चिकित्सा चिकित्सक में सबसे अधिक है। ग्रामीण मधुमेह रोकथाम मॉडल, उन्होंने ‘चुनमपेट ग्रामीण मधुमेह रोकथाम मॉडल’ स्थापित किया, जिसे “द लेंसेट पत्रिका” ने ग्रामीण क्षेत्रों में मधुमेह देखभाल के लिए एक आदर्श मॉडल के रूप में मान्यता दी। डॉ मोहन ने 25,000 से अधिक निःशुल्क मधुमेह जांच शिविर आयोजित किए हैं, जिनसे लाखों भारतीयों को लाभ हुआ है। इसके अलावा डॉ. मोहन ने हजारों मधुमेह रोगियों का निःशुल्क इलाज किया है, जिसमें 800 से अधिक टाइप 1 मधुमेह से पीड़ित बच्चे भी शामिल हैं। डॉ मोहन देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित हैं। डॉ मोहन अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों की श्रृंखला में अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन से डॉक्टर हारोलड रेफकीन और और डॉक्टर कैली वेस्ट पुरस्कार प्राप्त हैं। साथ ही, उन्हें रॉयल सोसाइटी ऑफ एडिनबरा की फैलोशिप भी मिली है।उन्हें 21 फैलोशिप और 6 डॉक्टरेट की उपाधियाँ प्राप्त हुई हैं। डॉ. वी. मोहन की मधुमेह की देखभाल को बेहतर बनाने की प्रतिबद्धता ने न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी गहरा प्रभाव डाला है। यह पुरस्कार उनके इस मिशन को और भी मजबूती प्रदान करता है।