नई दिल्ली – भारत में कार्डियाक केयर की दुनिया में जबर्दस्त पहल करते हुए, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली देश के उन गिने-चुने अस्पतालों में शामिल हो गया है जहां TRIA™ मिट्रल वाल्व इंप्लांट करने के शुरूआती मामलों को दर्ज किया गया है। यह दुनिया का ऐसा पहला हार्ट वाल्व है जिसे खासतौर से तैयार पॉलीमर से बनाया गया है। इस सर्जरी को डॉ जेड एस महरवाल, चेयरमैन एंड हैड, एडल्ट कार्डियाक सर्जरी, हार्ट ट्रांसप्लांटेशन एंड वीएडी प्रोग्राम, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के नेतृत्व में सफलतापूर्वक पूरा किया गया। इससे पहले तक, वाल्व रिप्लेसमेंट करवाने वाले मरीजों को निम्न में से एक का चयन करना पड़ता थाःटिश्यू वाल्व, जो अक्सर काफी जल्दी खराब हो जाती है, खासतौर से युवा मरीजों में और इस वजह से रिपीट सर्जरी करवानी होती है।मैकेनिकल वाल्व, जो लंबी अवधि तक चलता है, लेकिन इसके साथ आजीवन ब्लड-थिनिंग दवाओं की आवश्यकता होती है, कुछ लाइफस्टाइल प्रतिबंध भी होते हैं और दिल की हर धड़कन के साथ “क्लिकिंग” साउंड पैदा होती है।अमेरिकन इंक. द्वारा तैयार TRIA मिट्रल वाल्व, जिसका निर्माण स्थानीय तौर पर भारत में डॉल्फिन लाइफ साइंस करता है, नया विकल्प लेकर आया है। इसे अत्याधुनिक सामग्री लाइफ पॉलीमर से बनाया जाता है, वाल्व की खूबियां हैः मैटल फ्री और एनीमल फ्री यह एनीमल टिश्यू से जुड़े सरोकारों से मुक्ति दिलाता है। टिकाऊपन को ध्यान में रखकर तैयार यह टिश्यू वाल्वों की तुलना में अधिक लंबे समय तक चलता है। आजीवन ब्लड थिनर लेने की मजबूतरी से मुक्तिः यह रिप्रेडक्टिव आयुवर्ग की महिलाओं तथा युवा मरीजों के लिए भी सुरक्षित है। रोबोटिक निर्माण प्रक्रियाः इसकी सटीकता, निरंतरता और सुरक्षा सुनिश्चित करता है।भारत में, दुनिया के अन्य देशों की तुलना में रयूमेटिक हार्ट डिज़ीज (आरएचडी) का सर्वाधिक बोझ है, जिसकी वजह से 40 मिलियन से अधिक लोग प्रभावित होते हैं और हर साल 30,000 से अधिक मौतें होती हैं। इनमें से अधिकांश युवा वयस्क और महिलाएं शामिल हैं, जो मौजूदा वाल्व विकल्पों के बीच कई तरह की मुश्किलों से जूझते हैं।TRIA मिट्रल वाल्व निम्न की पेशकश करने वाला क्रांतिकारी विकल्प हैःटिश्यू वाल्व की तुलना में अधिक टिकाऊ रिपीट सर्जरी की जरूरत के बगैर टिकाऊपन आजीवन दवाएं लेने की मजबूरी, जिसकी वजह से प्रेग्नेंसी और रोज़मर्रा की जिंदगी में जटिलताएं पैदा हो सकती हैं, से आजादी इस वाल्व को पहले ही फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट समेत, कई अग्रणी अस्पतालों में क्लीनिकल अध्ययनों के जरिए भारतीय मरीजों पर टेस्ट किया जा चुका है। एक वर्ष के बाद नतीजों से निम्न सामने आयाःहृदय से प्रवाहित होने वाले रक्त में 50% से अधिक सुधार0% वाल्व संबंधी मृत्यु या रिपीट सर्जरी छह मिनट के वॉक टेस्ट में वॉकिंग दूरी तय करने में 42% वृद्धि मरीजों की दैनिक गतिविधियों और जीवन गुणवत्ता में सुधार इन नतीजों को प्रतिष्ठित जर्नल अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी (जेएसीसी) में प्रकाशित किया गया है। भारत दुनिया का ऐसा पहला देश है जहां TRIA मिट्रल वाल्व को पहली बार कमर्शियल आधार पर उपलब्ध कराया गया है, और इस तरह देश ने इस अत्याधुनिक कार्डियाक टैक्नोलॉजी को अपनाने वाले ग्लोबल लीडर के तौर पर साख बनायी है। इस उपलब्धि के बारे में, डॉ महरवाल ने कहा, “हमें अपने मरीजों के लिए इस अत्याधुनिक हार्ट वाल्व को उपलब्ध कराने वाले शुरूआती स्वास्थ्य प्रदाताओं में से एक होने पर गर्व है। TRIA मिट्रल वाल्व बहुत से युवा मरीजों और महिलाओं के लिए, उम्मीद की किरण है जो उन्हें आजीवन ब्लड थिनर्स या बार-बार सर्जरी की चुनौतियों से बचाकर सेहतमंद जीवन जीने का अवसर देता है। इस लॉन्च ने एडवांस कार्डियाक केयर के क्षेत्र में भारत की भूमिका को नए सिरे से परिभाषित किया है।

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