नई दिल्ली – भारत में दिल की बीमारियाँ लगातार बढ़ रही हैं। अब ये केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि छोटे कस्बों और गांवों में भी लोग हाई ब्लड प्रेशर, मोटापे और दिल की समस्याओं से जूझ रहे हैं। सबसे चिंता की बात यह है कि अब 30–40 साल के युवाओं में भी ये रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अगर लोग रोज़मर्रा की ज़िंदगी में कुछ अच्छी आदतें अपनाएँ और कुछ गलत आदतों से बचें, तो दिल की बीमारियों को काफी हद तक रोका जा सकता है। डॉ. निधि गोयल, एम.डी., माँ फूलवती आई हॉस्पिटल, होडल ने कहा, दिल की सेहत महंगी दवाइयों से नहीं बल्कि हमारी रोज़ की आदतों से बनती है। हम क्या खाते हैं, कितना चलते हैं, सिगरेट और शराब से कितनी दूरी रखते हैं और तनाव को कैसे संभालते हैं ये सब बातें दिल को मज़बूत या कमज़ोर बनाती हैं। अगर परिवार सही आदतें अपनाएँ और गलतियों से बचें, तो ज़्यादातर दिल की बीमारियाँ शुरू होने से पहले ही रुक सकती हैं।उन्होंने बताया कि सही खानपान दिल की सेहत के लिए सबसे अहम है। ताज़े फल, सब्ज़ियाँ, दालें, अनाज और मेवे रोज़ के भोजन में शामिल करने चाहिए। हरियाणा और उत्तर भारत की पारंपरिक चीज़ें जैसे बाजरा, जौ, रागी और हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने और खून साफ रखने में मदद करती हैं। तली-भुनी और पैकेट वाली चीज़ों से बचना चाहिए और घर के तेल जैसे सरसों, मूंगफली या ऑलिव ऑयल का सीमित उपयोग करना बेहतर है।डॉ. गोयल के अनुसार, रोज़ाना आधा घंटा तेज़ चाल से चलना, साइकिल चलाना, तैरना या योग करना दिमाग और दिल दोनों को मज़बूत बनाता है। सात से आठ घंटे की पूरी नींद लेना और पर्याप्त पानी पीना भी बहुत ज़रूरी है। समय-समय पर ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की जांच कराना चाहिए ताकि किसी भी समस्या को समय रहते पकड़ा जा सके। तनाव कम करने के लिए योग, ध्यान या प्राणायाम जैसे उपाय अपनाने चाहिए, क्योंकि तनाव दिल की बीमारियों का बड़ा कारण बन रहा है।उन्होंने यह भी कहा कि किन चीज़ों से बचना है, यह उतना ही ज़रूरी है। ज़्यादा नमक और चीनी खाने से बचना चाहिए, क्योंकि ये हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और शुगर बढ़ाते हैं। धूम्रपान और शराब दिल की नसों को नुकसान पहुँचाते हैं और बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ा देते हैं। घंटों एक ही जगह बैठे रहना भी दिल के लिए हानिकारक है। डॉ. गोयल ने चेतावनी दी कि अगर छाती में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, चक्कर आना या अचानक थकान महसूस हो तो इसे नज़रअंदाज़ न करें और तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ।उनका कहना है कि छोटे कस्बों में लोगों को जागरूक करना और भी ज़रूरी है। अगर परिवार घर पर हेल्दी खाना बनाएँ, स्कूलों में योग की क्लास हो और मोहल्लों में सुबह की सैर को बढ़ावा दिया जाए, तो समाज की सेहत में बड़ा सुधार हो सकता है। रोकथाम ही सबसे सस्ता और असरदार इलाज है, डॉ. गोयल ने कहा। संदेश साफ है दिल की सेहत अस्पताल में नहीं, बल्कि रोज़ की आदतों से बनती है। सही कदम उठाकर और गलतियों से बचकर लोग अपना दिल मज़बूत रख सकते हैं और लंबी, स्वस्थ ज़िंदगी जी सकते हैं।