नई दिल्ली – आज की दुनिया में जहाँ रचनात्मकता पर संख्या हावी है, वहीं रैस ने लव विर्क और करम ब्रार के सहयोग से अपने नए गाने ग्लॉक टॉक में फिर से उत्कृष्टता पेश की है। ताकत, भाईचारे और सम्मान की नींव पर निर्मित यह गाना गलियों की संस्कृति में गहराई तक उतर गया है, जहाँ खामोशी बहुत कुछ कहती है और वफादारी सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। इस ट्रैक के साथ ऐसा गीत सुनने के लिए तैयार हो जाईये, जिसकी हर बीट दिल पर गहरा प्रभाव छोड़ती है और हर लुक, हक काम और हर मूव सोचा-समझा और इरादतन है। ग्लॉक टॉक के बोल इंदर ढींडसा ने लिखे हैं। यह उत्कृष्टता और तेवर का ऐसा समागम है, जो अपनी पहली तान से ही आपका ध्यान आकर्षित कर लेता है। लव विर्क की जमीनी और प्रभावशाली प्रस्तुति तथा करम ब्रार की तीखी मधुरता के साथ यह ट्रैक संयम और वर्चस्व की दोहरी प्रकृति पेश करता है, जो बुलंद है, पर शोरगुल नहीं करती, उग्र है, पर नियंत्रित रहती है।इसमें रैस की भूमिका केंद्रीय है, जो स्पॉटिफी और इंस्टाग्राम पर म्यूज़िकबायरैस नाम से मशहूर हैं। वो इस गीत के निर्माता रचयिता हैं। अपने प्रोडक्शन द्वारा उन्होंने ‘ग्लॉक टॉक’ को एक विज़्युअल आवाज बना दिया है, जो शीतल, सोची-समझी और तनाव की परतों में लिपटी है। यह गीत धीमी गति से शुरू होता है, लेकिन गहरी चोट करता है। इस गीत को आधिक्य की बजाय संयम के साथ बनाया गया है। इसकी हर पंक्ति को सोच-समझकर लिखा गया है। हर विराम इरादतन दिया गया है। यह गीत मौजूदगी और नियंत्रण तथा बिन मांगे ही सम्मान पाने के बारे में म्यूज़िकल स्टेटमेंट है। प्रोड्यूसर रैस ने कहा, ग्लॉक टॉक ऐसी शक्ति के बारे में है, जो बिन पूछे पूरे कमरे में अपना दबदबा बना लेती है। मैं इस ऊर्जा को ऐसी आवाज के रूप में पेश करना चाहता था, जो सीधे दिल पर चोट करे। जो सोची-समझी हो, तीव्र हो और सिनेमेटिक हो। मैंने इस ट्रैक की आवाज में इस ऊर्जा को उतारने की कोशिश की है। मुझे उम्मीद है कि श्रोताओं को यह गाना बहुत पसंद आएगा।लव विर्क ने कहा, ग्लॉक टॉक हथियारों या हमले के बारे में नहीं है। यह मौजूदगी, नियमों, नियंत्रण और उद्देश्य के साथ आगे बढ़ने के बारे में है। यह हमारे जीने का तरीका है, हम किस प्रकार खुद को आगे बढ़ाते हैं, बिन मांगे सम्मान पाते हैं। मैं चाहता था कि इस गाने में यह मौन शक्ति प्रतिबिंबित हो। इसका हर बोल और हर लय इसकी अभिव्यक्ति करे। यह गाना उन सभी लोगों के लिए है, जो जानते हैं कि असली ताकत के लिए शोरगुल की जरूरत नहीं, बल्कि इरादे की जरूरत है।

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