नई दिल्ली – इंद्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय ने वंदे मातरम की ऐतिहासिक 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में महाविद्यालय सभागार में एक भव्य और भावपूर्ण सामूहिक गायन का आयोजन किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. योगेश सिंह उपस्थित रहे। कार्यक्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. विकास गुप्ता बतौर विशिष्ट अतिथि और महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. पूनम कुमरिया भी उपस्थित रहीं। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान पर वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय दृष्टिकोण की प्रतिध्वनि सुनाई दी। इस राष्ट्रव्यापी आयोजन के उद्घाटन के दौरान उन्होंने इसे “एक मंत्र, एक ऊर्जा, एक स्वप्न और एक गंभीर संकल्प” बताया था। माँ भारती की भावना को पुनर्जीवित करने और भारत के सामूहिक संकल्प को मजबूत करने के माननीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान ने कार्यक्रम की मार्गदर्शक प्रेरणा का काम किया। सभा को संबोधित करते हुए, कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने 150 साल के समारोह की परिवर्तनकारी क्षमता पर ज़ोर देते हुए कहा “वंदे मातरम एक गीत से कहीं बढ़कर है, यह एकजुटता का आह्वान है। जैसे हमारे प्रधानमंत्री राष्ट्र को प्रेरित करते हैं, वैसे ही विश्वविद्यालयों को सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रीय गौरव के पोषण में अग्रणी भूमिका निभाने हेतु इस गीत से प्रेरणा लेनी चाहिए। आइए हम अपने इतिहास का सम्मान करें और एक उज्जवल, एकजुट भविष्य के लिए संकल्प लें।” उनका संदेश सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय उन्नति में बदलने के लिए प्रधानमंत्री जी के दृष्टिकोण से पूरी तरह मेल खाता है।प्राचार्या प्रो. पूनम कुमरिया ने कहा “आइए हम वंदे मातरम आंदोलन की भावना को आगे बढ़ाएँ अपने विस्मृत इतिहास को पुनर्जीवित करें, जागरूकता बढ़ाएँ और अपनी साझा विरासत का गर्व के साथ सम्मान करें।”उपस्थित छात्राओं ने एकता और देशभक्ति के जोश के साथ वंदे मातरम् गाया। कार्यक्रम में माननीय कुलपति द्वारा दिलाई गई ‘स्वदेशी संकल्प शपथ’ के साथ कदंब के पौधे का वृक्षारोपण हुआ। इस कार्यक्रम ने राष्ट्रीय भावना को बढ़ावा देने और विकसित भारत 2047 के विजन में योगदान देने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

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