नई दिल्ली- खाद्य तेलों को लेकर उपभोक्ताओं के बढ़ते भ्रम और ऑनलाइन प्रसारित हो रही गलत सूचना के बीच, मलेशियन पाम ऑयल काउंसिल (एमपीओसी) ने एक नई छह-भाग की पॉडकास्ट सीरीज़ लॉन्च की है, जिसका उद्देश्य भारतीय परिवारों को सोच-समझकर, विज्ञान-आधारित विकल्प अपनाने में मदद करना है। यह सीरीज़ एमपीओसी की पहले की डिजिटल पहलों पर आधारित है, जिन्होंने मलेशियन पाम ऑयल के पीछे के पोषण, विज्ञान और सस्टेनेबिलिटी को सरल बनाकर लाखों भारतीय उपभोक्ताओं तक पहुंच बनाई थी। इस सीरीज़ के पहले दो पॉडकास्ट एपिसोड में पोषण विशेषज्ञ और क्रिएटर लीमा महाजन को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। यह पॉडकास्ट रसोई की सुलभ बातचीत को साक्ष्य-आधारित जानकारियों के साथ मिलाता है, जो स्वास्थ्य, आहार वसा, स्थिरता और भ्रामक मार्केटिंग लेबलों पर केंद्रित है। प्रत्येक एपिसोड व्यापक रूप से प्रसारित मिथकों को तोड़ता है और श्रोताओं को रोजमर्रा के खाना पकाने के लिए स्पष्ट, व्यावहारिक सुझाव प्रदान करता है। एपिसोड के मुख्य आकर्षण पहले एपिसोड में, लीमा उस बड़े सवाल को सरल बनाती हैं कौन सा तेल वास्तव में स्वस्थ है? उन्होंने संतुलन पर जोर देकर और किसी एक तेल को पूरी तरह से त्यागने के बजाय स्मार्ट खाना पकाने की आदतों पर रौशनी डाली। वह पाम ऑयल के विज्ञान-समर्थित लाभों और घर पर तेलों की रोटेटिंग के महत्व पर जोर देती हैं। अगले एपिसोड में, वह उभरते “नो पाम ऑयल” लेबलों को तोड़ती हैं, यह समझाते हुए कि वे अक्सर डर-आधारित और भ्रामक क्यों होते हैं। वह दर्शकों से आगे पैकेट दावों से परे देखने और यह समझने का आग्रह करती हैं कि उत्पाद को वास्तव में स्वस्थ क्या बनाता है।
