नई दिल्ली – स्कूली शिक्षा में भारतीय ज्ञान प्रणाली को सार्थक रूप से जोड़ने के उद्देश्य से श्री अरबिंदो सोसाइटी ने प्रमुख राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के सहयोग से एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। यह आयोजन न केवल भारतीय ज्ञान प्रणाली के अकादमिक महत्व को रेखांकित करता है, बल्कि इसे कक्षा-स्तर पर लागू करने के लिए एक व्यापक राष्ट्रव्यापी आंदोलन की दिशा तय करता है।इस अवसर पर देश का पहला भारतीय ज्ञान प्रणाली चार्टर लॉन्च किया गया, जिसे श्री अरबिंदो सोसाइटी ने लंबे शोध और विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर तैयार किया है। यह चार्टर स्कूलों में भारतीय ज्ञान प्रणाली के जिम्मेदार, व्यावहारिक और स्पष्ट कार्यान्वयन के लिए एक मार्गदर्शक दस्तावेज़ के रूप में काम करेगा। इसमें सिद्धांत निर्धारण, पाठ्यक्रम निर्माण के मानदंड, आयु-आधारित मॉड्यूल, मूल्यांकन पद्धतियां, शिक्षक प्रशिक्षण और नैतिक कार्यान्वयन के लिए आवश्यक सहयोगात्मक तंत्र शामिल हैं। श्री अरबिंदो सोसाइटी के कार्यकारी बोर्ड सदस्य संभ्रांत शर्मा ने कहा, यह सम्मेलन केवल विचार-विमर्श का मंच नहीं है, बल्कि एक राष्ट्रीय परिवर्तन का आरंभ है। हमारा उद्देश्य भारतीय ज्ञान परंपराओं को एक जीवंत, कक्षा-उन्मुख मॉडल में बदलना है। हम कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्कूलों के साथ मिलकर भारतीय ज्ञान प्रणाली के सफल मॉडल विकसित कर रहे हैं, जिन्हें आने वाले वर्षों में पूरे देश में लागू किया जा सकता है। इस अवसर पर बजरंग बागड़ा, महासचिव विहिप, ने चार्टर की सराहना करते हुए कहा कि यह दस्तावेज़ भारतीय ज्ञान प्रणाली को पाठ्यक्रम में शामिल करने वाले शिक्षकों, प्रशासकों और नीति-निर्माताओं के लिए “एक स्पष्ट दिशा देने वाली नियमावली” की तरह काम करेगा। सम्मेलन में कई विषयगत पैनल चर्चाओं का आयोजन किया गया, जिनमें शिक्षा विशेषज्ञों, नीति-निर्माताओं, विद्वानों और विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। चर्चाओं में इस बात पर जोर दिया गया कि विज्ञान, दर्शन, कला, पारिस्थितिकी और चेतना-आधारित परंपराओं से समृद्ध भारत की सभ्यतागत विरासत आधुनिक स्कूली शिक्षा के लिए नई दिशा तय कर सकती है। पैनलिस्टों ने यह भी कहा कि भारतीय ज्ञान प्रणाली, नई शिक्षा नीति 2020 और NCF 2023 जैसी आधुनिक नीतियों के अनुरूप शिक्षा प्रणाली में नवाचार ला सकता है। इस कार्यक्रम में अतिथियों, विशेषज्ञों और संस्थागत साझेदारों व सभी प्रतिभागियों ने यह संदेश दिया कि भारतीय ज्ञान प्रणाली का एकीकरण न केवल भारत की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि विश्व के लिए भी एक वैकल्पिक और भविष्य उन्मुख मॉडल प्रस्तुत करेगा।यह सम्मेलन महर्षि अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय अमेरिका, श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, भारतीय शिक्षा बोर्ड और फ्यूचर आइकॉन्स के सहयोग से आयोजित किया गया।