नई दिल्ली- एक वैश्विक डेटा और प्रौद्योगिकी कंपनी, एक्सपेरियन ने आज अपनी नवीनतम क्रेडिट विश्लेषण -असुरक्षित क्रेडिट, सितंबर 2025 जारी किया। यह रिपोर्ट पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड, दोपहिया वाहन लोन और कंज्यूमर ड्यूरेबल कर्ज सहित भारत में तेजी से बढ़ रहे असुरक्षित क्रेडिट परिदृश्य का विस्तृत दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। निष्कर्ष बताते हैं कि प्रमुख उत्पादों में स्थिर पोर्टफोलियो प्रदर्शन और प्रारंभिक-चरण की चूक में सुधार के कारण असुरक्षित लोन की मांग में निरंतर वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही में नए कर्ज वितरण में मजबूती देखने को मिली। इसका कारण है—बढ़ते टिकट आकार, एनबीएफसी की बढ़ती भागीदारी, और कर्ज लेने वालों का के बेहतर भुगतान व्यवहार। भारत का अनसिक्योर्ड क्रेडिट माहौल अधिक परिपक्व हो रहा है। कर्जदाताओं द्वारा बेहतर अंडरराइटिंग प्रथाएँ अपनाई जा रही हैं।उपभोक्ताओं में बेहतर क्रेडिट अनुशासन दिख रहा है। भारत में एक्सपेरियन के कंट्री मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष जैन ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, हम भारत के असुरक्षित ऋण क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव देख रहे हैं। मांग लगातार बढ़ रही है। उपभोक्ता उच्च टिकट साइज़ की ओर बढ़ रहे हैं, और पुनर्भुगतान व्यवहार में लगातार सुधार हो रहा है। सभी उत्पादों में प्रारंभिक चूक में सुधार दर्शाता है कि उपभोक्ता और कर्जदाता दोनों ही अधिक जिम्मेदार विकल्प चुन रहे हैं, जो एक परिपक्व क्रेडिट इकोसिस्टम की दिशा में सकारात्मक रुझान का संकेत देता है। एक्सपेरियन के स्कोर, महत्वपूर्ण डेटा और उससे मिली जानकारी इन बदलावों का एक स्पष्ट, डेटा-आधारित दृष्टिकोण प्रदान करते हैं। इससे वित्तीय संस्थानों को जोखिम का प्रभावी ढंग से आकलन करने और जिम्मेदारी से क्रेडिट तक पहुंच का विस्तार करने में मदद मिलती है। जैसे-जैसे बाजार विकसित हो रहा है, हम पारदर्शिता, समावेशन और अनुपालन का समर्थन करने के लिए डिज़ाइन किए गए विश्वसनीय डेटा, उन्नत एनालिटिक्स और निर्णय लेने वाले प्लेटफॉर्म के साथ ऋणदाताओं को सशक्त बनाना जारी रखेंगे।
