नई दिल्ली- दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएसएलएसए) ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि वह अभिनेत्री जूही चावला और दो अन्य को 5जी प्रौद्योगिकी के खिलाफ वाद के तहत जुर्माना के तौर पर उसे 20 लाख रुपए जमा करने के आदेश के क्रियान्वयन के अनुरोध वाली अपनी याचिका पर आगे नहीं बढऩा चाहता, क्योंकि अभिनेत्री स्वेच्छा से समिति के लिए प्रचार करने के लिए सहमत हुई हैं। न्यायमूर्ति अमित बंसल ने डीएसएलएसए को एक खंडपीठ के आदेश के मद्देनजर याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी। खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश का जून 2021 का आदेश रद्द करते हुए जुर्माना राशि 20 लाख रुपए से घटाकर दो लाख रुपए कर दी थी।

न्यायमूर्ति बंसल ने कहा कि याचिका के संबंध में खंडपीठ के 27 जनवरी के आदेश के मद्देनजर डीएसएलएसए अपनी याचिका को वापस लेना चाहता है। इसलिए याचिका वापस लिए जाने की अनुमति देते हुए इसे खारिज कर दिया। डीएसएलएसए के वकील सौरभ कंसल ने अदालत को सूचित किया कि अभिनेत्री ने समिति के साथ काम करने और समाज में हाशिए के वर्ग को सशक्त बनाने के कार्यक्रमों में भाग लेने की इच्छा जताई है।

न्यायमूर्ति ने जब पूछा कि क्या चावला ने जुर्माना राशि का भुगतान किया है, तो डीएसएलएसए के वकील ने ना में जवाब दिया और कहा चूंकि अभिनेत्री ने स्वेच्छा से उनके लिए प्रचार किया है, इसलिए वे सद्भाव के तहत याचिका वापस लेना चाहते हैं। कंसल और अधिवक्ता पल्लवी एस कंसल के माध्यम से दायर याचिका में डीएसएलएसए ने जुर्माने की वसूली के लिए चावला और अन्य की चल एवं अचल संपत्ति की कुर्की तथा बिक्री के संबंध में वारंट जारी करने तथा उनके दीवानी कारावास का निर्देश देने का अनुरोध करते हुए अदालत से सहायता मांगी गई थी। पिछले साल जून में एक एकल न्यायाधीश ने चावला और दो अन्य द्वारा 5जी प्रौद्योगिकी की शुरुआत के खिलाफ मुकदमे को दोषपूर्ण , कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग के रूप में वर्णित किया था। न्यायाधीश ने इसे प्रचार के इरादे से दायर किया गया बताया था और 20 लाख रुपए का जुर्माना लगाते हुए याचिका को खारिज कर दिया था तथा जुर्माने की राशि एक सप्ताह के भीतर डीएसएलएसए में जमा करने का आदेश दिया था।