नई दिल्ली- केजरीवाल सरकार से अगर किसानों को उनका हक चाहिए तो उसके लिए किसानों को अपने घरों से बाहर आना होगा क्योंकि अरविंद केजरीवाल एक ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो दिल्ली के सात गांव का नाम तक नहीं गिनवा सकते तो किसानों और मजदूरों के दर्द को क्या समझेंगे। यह बात भारतीय जनता पार्टी के सांसद रमेश बिधूड़ी ने कही। उन्होंने कहा कि पिछले चार दिनों से किसान लगातार दिन-रात एक कर अपनी आवाज को अंधी और बहरी केजरीवाल सरकार के पास पहुंचाने और अपने अधिकारों को पाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अभी तक केजरीवाल ने ना ही किसानों से मिलने की कोशिश की और ना ही किसी भी प्रकार का संज्ञान लेने की जहमत उठाई है। विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए रमेश बिधूड़ी ने कहा कि अपने घोषणा पत्र में स्मार्ट कृषि योजना की बात करने वाले केजरीवाल ने कहा था कि 12 प्रकार की प्रणाली अपनाकर मिट्टी जांच कर यह पता किया जाएगा कि उनमें कौन सी फसल उगाई जाएगी लेकिन सात साल बितने के बाद भी एक भी मिट्टी की जांच अगर कराई हो तो केजरीवाल जवाब दें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 70 सालों में किसानों के लिए कुछ नहीं किया गया यही कारण है कि किसान दिल्ली, मुंबई इत्यादी शहरों में रोजी रोटी के लिए जाने को मजबूर हुए। आज किसान मजदूरी करने को मजबूर हैं क्योंकि वे मूलभूत जरुरतें न मिलने की वजह से खेती नहीं कर पा रहे हैं। बिधूड़ी ने कहा कि आज केजरीवाल दिल्ली के लोगों को सिर्फ धोखा देने का काम कर रहे हैं और कुछ नहीं। विनोद सहरावत ने कहा कि किसानों का एक बड़ा वर्ग पिछले चार दिनों से लगातार केजरीवाल आवास के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहा है अपनी मांगों को मनवाए बिना हम नहीं जाने वाले हैं। दिल्ली के लगभग 35 गांव ऐसे हैं जिसके खेतों में पिछले सात सालों से गंदा पानी भरा हुआ है और उसका सबसे बड़ा कारण है कि ड्रेन की साफ सफाई कराने का ठेका पिछले सात सालों से एक ही ठेकेदार को दिया गया है। लेकिन आज तक केजरीवाल सरकार का कोई भी विधायक एवं मंत्री वहां जाकर किसानों से मिलने एवं उनकी मजबूरी जानने की जहमत तक नहीं उठाई।