नई दिल्ली- राजधानी दिल्ली में चप्पे-चप्पे पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरे अब अपराधियों को पकडऩे में मददगार साबित हो रहे हैं। दिल्ली के पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना के मुताबिक मौजूदा समय में 90 प्रतिशत केस सीसीटीवी की मदद से सॉल्व हो रहे हैं। वहीं वजह है कि दिल्ली पुलिस ने आने वाले समय में राजधानी में 10 हजार सीसीटीवी कैमरे और लगाने का फैसला लिया है। निर्भया फंड का इन कैमरों को लगाने में उपयोग किया जाएगा। बता दें कि फिलहाल राजधानी में दिल्ली पुलिस के 15 हजार और दिल्ली सरकार सहित अन्य एजेंसियों द्वारा लगाए गए करीब 2 लाख सीसीटीवी कैमरे पुलिस के लिए तीसरी आंख के रूप में काम कर रहे हैं। गुरुवार को दिल्ली पुलिस की वार्षिक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राकेश अस्थाना ने कहा कि दिल्ली पुलिस अपनी स्थापना के 75 वर्ष मना रही है अगले 5 से 10 साल में जिस प्रकार की चुनौती आने वाली है उसे लेकर दिल्ली पुलिस खुद को तैयार कर रही है। राकेश अस्थाना ने कहा कि पुलिस ने अपना एक्शन प्लान तैयार कर लिया है इसे पूरा करने में पुलिस जुटी हुई है वर्ष 2022, 2024 और 2030 के लिए पुलिस तैयारी कर रही है। दिल्ली के पुलिस कमिश्नर ने कहा कि राजधानी में पुलिस के लिए 94358 पद हैं, लेकिन अभी 78363 पुलिसकर्मियों के साथ काम किया जा रहा है पुलिस फोर्स राजधानी में कानून-व्यवस्था बनाने के लिए काम कर रही है। बेहतर काम के लिए दिल्ली पुलिस को 14 वर्टिकल में बांटा गया है प्रत्येक वर्टिकल को एक विशेष आयुक्त द्वारा हेड किया जा रहा है। अस्थाना ने कहा कि पुलिसिंग के लिए जनता का सहयोग सबसे ज्यादा जरूरी है। जनता जब तक पुलिस के साथ न हो तो पुलिसिंग मुश्किल होती है इसलिए कम्युनिटी पुलिसिंग को लेकर काम किया जा रहा है इसके लिए ही कम्युनिटी पुलिसिंग सेल को बनाया गया है। इसके साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेफ्टी डिवीजन में सभी ट्रांसपोर्ट को शामिल किया गया है। इसमें ट्रांसपोर्ट के साथ ही उसमें सफर करने वालों की सुरक्षा के लिए इसका गठन किया गया है तकनीक के आधार पर आगे बढऩे के लिए टेक्नोलॉजी डिवीजन बनाया गया है इसका मकसद दिल्ली पुलिस को तकनीकी स्तर पर मजबूत बनाना है। इसके अलावा लीगल डिवीजन बनाया गया है जो अदालत में पुलिस के मामलों को मजबूती से रख सके। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने पीसीआर को थानों के साथ जोड़ दिया है इससे एक तरफ जहां थानों में पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ी है तो दूसरी तरफ गाडिय़ों की संख्या भी बढ़ गई है थानों में कानून-व्यवस्था एवं जांच के लिए दो टीम गठित की गई है। इसका मकसद जांच को मजबूत बनाना है, ताकि अपराधियों को सजा मिले। साइबर क्राइम को कंट्रोल करने के लिए 15 थाने सभी जिलों में खोले गए हैं इससे साइबर क्राइम की जांच ठीक से होगी और ऐसे अपराधों में कमी आएगी राजधानी दिल्ली में पुलिस की सतर्कता और मुस्तैदी के बाद भी अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। दिल्ली में जहां अपराध दर में कमी होनी चाहिए, वहीं इसमें बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पिछले साल 2020 के मुकाबले 2021 में अपराध की संख्या बढ़ी है। 2020 के मुकाबले साल 2021 में 13 प्रतिशत अपराध की संख्या में वृद्धि हुई है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने इस मामले में गुरुवार को कहा कि कोरोना महामारी के चलते 2020 में कम केस दर्ज हुए थे। जिसके चलते कम मामले सामने आए थे। 2021 में अधिक मामले दर्ज हुए हैं, इस वजह से अपराध की संख्या में वृद्धि हुई है। आंकड़े के अनुसार, 2020 में 2,66,070 मामले दर्ज किए गए थे। वहीं 2021 में 3,06,389 मामले सामने आए थे। वहीं, पिछले साल 5,413 की तुलना में 2021 में 5,740 जघन्य अपराध के मामले दर्ज किए गए थे। पुलिस ने कहा कि 2021 में लगभग 70 प्रतिशत अपराध डकैती और चोरी के थे। 2020 में झपटमार के 7,965 मामले सामने आए थे और 2021 में 9,383 मामले दर्ज किए गए, जो 15 प्रतिशत की वृद्धि थी। गिरफ्तारी के मामले में भी 13 फीसद का इजाफा हुआ है। पुलिस ने कहा कि 2021 में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध में 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। 2021 में कुल 41,113 ऐसे मामले दर्ज किए गए थे।