नई दिल्ली- दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एक शातिर ठग महिला को गिरफ्तार किया है। आरोपी महिला की पहचान सुनीता सैनी के रूप में हुई है। महिला ने आजादपुर में ऑफिस खोल कर खुद को एक एनबीएफसी कंपनी बताया और लोगों से बड़ी संख्या में रुपए जमा करवा लिए। 700 लोगों के करीब चार करोड़ रुपए जमा कर आरोपी महिला पति के साथ फरार हो गई। उक्त मामले में करीब छह महीने की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार किया। वहीं इस मामले में फरार चल रहे उसके पति की तलाश चल रही है। आर्थिक अपराध शाखा की संयुक्त आयुक्त छाया शर्मा के अनुसार प्रेमवती व पांच अन्य  लोगों ने आर्थिक अपराध शाखा को एक शिकायत दी थी। उनकी शिकायत के बाद बड़ी संख्या में लोग आर्थिक अपराध शाखा के पास आए और लगभग 700 लोगों ने ठगी की शिकायत की। उन्होंने वसुंधरा ग्रुप पर जालसाजी का आरोप लगाया, जिसका दफ्तर आजादपुर में था। इसके निदेशक चंद्र प्रकाश सैनी, सुनीता सैनी एवं अन्य ने लोगों को सेविंग के लिए खाता खोलने को कहा। इसके अलावा कुछ लोगों ने रुपये जमा करवाए। कई लुभावनी योजनाएं बताकर उनसे मोटी रकम जमा कराई। उन्हें इसके लिए सर्टिफिकेट और पासबुक दिए गए। आरोपियों ने उन्हें बताया कि महज चार साल में उनकी रकम दोगुनी कर दी जाएगी। 700 से ज्यादा लोगों ने लगभग चार करोड़ रुपये उनके पास जमा करा दिए। इसके बाद चंद्र प्रकाश सैनी और उसकी पत्नी सुनीता सैनी फरार हो गए।  इस शिकायत पर आर्थिक अपराध शाखा ने अगस्त 2021 में मामला दर्ज किया था। जांच के दौरान उन्हें पता चला कि आरोपितों ने खुद को एनबीएफसी बताकर लोगों से यह रकम जमा करवाई थी, लेकिन यह कंपनी आरबीआई से रजिस्टर्ड नहीं है। इसी को ध्यान में रखते हुए एसीपी वीरेंद्र सजवान की देखरेख में एसआई अनुज कुमार, रमेश और एसआई मंजू की टीम आरोपियों की तलाश कर रही थी। बीते छह महीने से फरार चल रही सुनीता सैनी को पुलिस ने गुजरात के सूरत से गिरफ्तार किया है। आरोपित सुनीता सैनी कंपनी में निदेशक थी और शेयर होल्डर थी। उसने सिक्किम की एलिम यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री आट्र्स में की है। इस मामले में फरार उसके पति की तलाश की जा रही है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वह अपनी मेहनत का पैसा कहीं भी जमा कराने से पहले उसकी अच्छी तरीके से जांच कर लें। इस तरह की कंपनियां आपको मोटे मुनाफे का झांसा देकर आप से ठगी कर सकती हैं