नई दिल्ली- आम आदमी पार्टी ने भाजपा शासित एमसीडी पर हजारों करोड़ों का घोटाला करने का आरोप लगाया है। आप के निगम प्रभारी दुर्गेश पाठक ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि वर्ष 2017-2018 की ऑडिट रिपोर्ट में खुद एमसीडी के ऑडिटर ने करीब 6 हजार करोड़ के भुगतान पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद से एमसीडी ने ऑडिट रिपोर्ट छापनी बंद कर दी है। इस मामले को लेकर आप ने कई पत्र भेजे और व्यक्तिगत मुलाकात भी की लेकिन भाजपा एमसीडी की और से कोई जवाब नहीं आया। उन्होंने कहा कि जब भी एमसीडी का बजट आता है और उसकी जो प्रक्रिया होती है, उसी बजट के साथ एक ऑडिट रिपोर्ट भी आती है। लेकिन पिछले कई सालों से भाजपा की एमसीडी अपनी ऑडिट रिपोर्ट नहीं जारी कर रही है। साल 2017-2018 की रिपोर्ट में करीब 38 पन्ने थे। इसमें नॉर्थ एमसीडी में करीब 3153 करोड़ रुपए, ईस्ट एमसीडी की ऑडिट रिपोर्ट में 1252 करोड़ रुपए, और साउथ एमसीडी की ऑडिट रिपोर्ट में करीब 1696 करोड़ के भुगतान पर सवाल खड़े किए गए थे। यह कुल करीब 6 हजार करोड़ रुपए बनता है। वहीं वर्ष 2018-2019, वर्ष 2019-2020, वर्ष 2020-2021, वर्ष 2021-2022 की ऑडिट रिपोर्ट का कुछ पता नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि 2017-2018 को आधार माना जाए तो अबतक करीब 26 हजार करोड़ रुपए का घोटाला हो गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा के मेयर, भाजपा के सभी नेताओं को जवाब देना चाहिए कि ऑडिट रिपोर्ट नहीं छापना चाहते हैं।नॉर्थ एमसीडी के पूर्व महापौर जय प्रकाश ने बताया कि दिल्ली के तीनों नगर निगम का एक साल का बजट ही 20 हजार करोड़ रुपए का है। इसमें से करीब 12 हजार करोड़ रुपए वेतन देने में चला जाता है। इसके अलावा कचरा उठाने, आउटसोर्स के खर्चें, अन्य योजना के खर्च भी होते हैं। ऐसे में निगम पर 6 हजार करोड़ रुपए का घोटाले के आरोप पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि आर्थिक तंगी के कारण निगम अपने कर्मचारियों को वेतन देने में भी परेशान हो रही है। दिल्ली सरकार यदि निगम का बजट देती है तो निगम के कर्मचारियों को समय पर वेतन मिल जाता। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार निगम चुनाव को देखते हुए झूठे आरोप लगा रही है। आप सरकार ने अपने 7 साल में कोई काम नहीं किया और इसे छुपाने के लिए झूठे आरोप लगा रही है।