नई दिल्ली- शिवसेना की आय वर्ष 2020-21 में घटकर 13.84 करोड़ रुपए रह गई, जो चुनावी वर्ष 2019-20 में 111.40 करोड़ रुपए थी। पार्टी ने 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी उसी साल लोकसभा चुनाव की तुलना में दोगुना धन खर्च किया। शिवसेना द्वारा निर्वाचन आयोग को सौंपी गई 2020-21 की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी की कुल आय 2019-20 में 111.40 करोड़ रुपए की तुलना में घटकर 13.84 करोड़ रुपए रह गई है। पार्टी ने 2019 में लोकसभा चुनाव में 24.30 करोड़ रुपए खर्च किए थे, जबकि विधानसभा चुनाव में 53.27 करोड़ रुपए खर्च किए थे। शिवसेना दोनों चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन सहयोगी के रूप में मैदान में उतरी थी, लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी गठबंधन से बाहर हो गईं। शिवसेना ने भाजपा पर मुख्यमंत्री पद साझा करने के अपने वादे को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया था। शिवसेना ने 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी 11.23 लाख रुपए खर्च किए, जहां उसके 22 उम्मीदवार मैदान में थे। पार्टी को डाले गए कुल मतों का 0.05 प्रतिशत मिला, जो नोटा (1.68 प्रतिशत) के लिए डाले गए मतों से भी कम था। शिवसेना द्वारा 31 मार्च 2021 को समाप्त वर्ष के लिए प्रस्तुत आय और व्यय खाते के अनुसार पार्टी ने शुल्क और सदस्यता के माध्यम से 85.36 लाख रुपए जुटाए थे, जबकि 31 मार्च 2020 को उसी मद के तहत 25.39 लाख रुपए एकत्र किए गए थे। पार्टी को 31 मार्च 2021 को समाप्त हुए वर्ष में अनुदान, दान या योगदान के रूप में 72.53 लाख रुपए मिले, जो कि 31 मार्च 2020 को समान मद में पार्टी को मिले 105.64 करोड़ रुपए से बहुत कम है। पार्टी द्वारा 31 मार्च 2020 तक जुटाए गए 105.64 करोड़ रुपए में से चुनावी बांड ने 40.98 करोड़ रुपए का योगदान दिया, व्यक्तिगत दाताओं से 16.83 करोड़ रुपए, कंपनियों और संगठनों से 36.12 करोड़ रुपए मिले जबकि संस्थानों और कल्याणकारी संगठनों ने 11.70 करोड़ रुपए का योगदान दिया। पार्टी को 31 मार्च 2021 तक 72.53 लाख रुपए का योगदान दानदाताओं से मिला