पश्चिम बंगाल विधानसभा में बुधवार को शोरगुल का दिखा क्योंकि जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सदन में राज्यपाल जगदीप धनखड़ के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रही थीं तब भाजपा सदस्यों ने मोदी मोदी के नारे लगाकर उन्हें बार-बार बाधित किया।मुख्यमंत्री ने इसके जवाब में जय बांग्ला के नारे के साथ पलटवार किया और भाजपा सदस्यों को जय श्रीराम के बजाय जय सिया राम कहने की सलाह दी।बनर्जी ने जैसे ही अपना भाषण शुरू किया भाजपा विधायकों ने मोदी, मोदी , भारत माता की जय और जय श्री राम जैसे नारे लगाने शुरू कर दिए और वे तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी के पूरे 40 मिनट के भाषण तक ए नारे लगाते रहे। इससे नाराज बनर्जी ने दावा किया कि भाजपा राज्य में शांति भंग करना चाहती है जबकि टीएमसी शांति के लिए लड़ रही है।
बनर्जी ने सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भाजपा विधायकों द्वारा विधानसभा में किए गए हंगामे का जिक्र करते हुए कहा, भाजपा सदस्यों ने कार्यवाही को बाधित करने की कोशिश की, लेकिन उनकी साजिश सफल नहीं हुई, राज्यपाल को धन्यवाद। पश्चिम बंगाल विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को शोर-शराबा हुआ क्योंकि भाजपा विधायकों ने राज्य में हाल में संपन्न निकाय चुनावों में कथित हिंसा को लेकर विरोध किया जिसके चलते धनखड़ को अपना अभिभाषण छोटा करना पड़ा। वहीं टीएमसी की महिला विधायकों ने राज्यपाल से अभिभाषण देने का अनुरोध किया। बनर्जी ने कहा, वे (भाजपा विधायक) चुनाव (विधानसभा चुनाव और हाल ही में हुए नगरपालिका चुनाव) हारने के बाद भी विधानसभा में उपद्रव कर रहे हैं। वे बेशर्म हैं।
उन्होंने कहा कि टीएमसी ने हाल के निकाय चुनावों में 109 में से 105 सीटें जीती हैं। उन्होंने अपनी पार्टी की राज्यसभा सांसद डोला सेन और एस. छेत्री के निलंबन का उल्लेख करते हुए कहा, उन्होंने हमारे सांसदों को राज्यसभा से निलंबित कर दिया। वहां एक वोट भी मायने रखता है… बंगाल (विधानसभा) में अलग स्थिति क्यों होगी? बनर्जी का परोक्ष तौर पर इशारा आज सुबह राज्य विधानसभा से भाजपा के दो विधायकों के निलंबन की ओर था। उन्होंने कहा, देश को बचाने के लिए भाजपा को जाना होगा। भाजपा शासित उत्तर प्रदेश की ओर परोक्ष तौर पर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि कोविड-19 रोगियों के शवों को गंगा में फेंक दिया गया था और किसानों को चलते वाहनों से कुचल दिया गया था। उन्होंने भाजपा से कहा कि वह उन्हें विरोध करना नहीं सिखाए। बनर्जी ने आरोप लगाया कि चक्रवात अम्फान, यास के साथ-साथ कोविड महामारी के कारण बड़े पैमाने पर नुकसान के बावजूद केंद्र ने राज्य की मदद नहीं की।