नई दिल्ली- कालकाजी से विधायक आतिशी ने कल्चर चौराहा द्वारा आयोजित 22वें वार्षिक कला उत्सव का उद्घाटन किया। इस वर्ष के उत्सव की थीम थ्रू द आई ऑफ ए चाइल्ड प्रदर्शनी का आयोजन अर्पणा कौर आर्ट गैलरी में किया गया इस आयोजन में 7 से 15 आयु वर्ग के छात्रों ने भाग लिया और अपने चित्रकला कौशल का प्रदर्शन किया। प्रदर्शनी का आयोजन कोविड महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद किया गया विधायक आतिशी ने कहा कि आज इस कार्यक्रम में भाग लेना सम्मान की बात है। एक कलाकार के रूप में ये छात्र उम्र में भले ही कम उम्र के लगें, लेकिन उनकी पेंटिंग बहुत परिपक्व हैं।इस साल प्रदर्शनी का विषय बच्चों की नजर से दुनिया की खोज पर केंद्रित था। इस प्रदर्शनी में विभिन्न आयु वर्ग के 18 छात्रों ने भाग लिया। कल्चर चौराहा की संस्थापक रितु संगल ने कहा कि, पेंटिंग भी मैडिटेशन यानी ध्यान का एक रूप है और इसने वास्तव में इन बच्चों को महामारी के दौरान तनाव और चिंता से निपटने में काफ़ी मदद की है। रितु संगल एक कला शिक्षिका भी हैं और पिछले 34 वर्षों से युवा छात्रों को एक्सप्रेसिव आर्ट थेरेपी की कला सिखा रही हैं। आतिशी ने सह-संस्थापकों को कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।विधायक आतिशी ने कला को हमारे स्कूलों के मुख्य धारा पाठ्यक्रम में लाने के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, यदि हम सभी अपने स्कूल के दिनों को याद कर सकते हैं, तो शायद हम मुख्यधारा के विषयों के बजाय कक्षाओं के बाहर अपने अनुभवों से अधिक सीखते हैं। विधायक आतिशी ने व्यक्ति के समग्र विकास में कला के महत्व के बारे में भी बताया।अयान, जिसकी उम्र केवल 7 वर्ष है, प्रदर्शनी में भाग लेने वालों में से एक था। उन्होंने कहा,मेरे लिए मेरी कला जीवन के प्रति मेरी भावनाओं की अभिव्यक्ति का एक रूप है। अयान महान पेंटर पिकासो को अपना आदर्श मानते है और बड़े हो कर उनकी तरह कई उत्कृष्ट कृतियों को बनाने की तम्मना रखते है।विधायक आतिशी के साथ, प्रदर्शनी में सांस्कृतिक चौराहा के दो सह-संस्थापकों और कई स्कूल के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया, जिन्हें इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया।