नई दिल्ली- दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने नई दिल्ली नगरपालिका परिषद की वन रोड-वन वीक पहल की शुरुआत की,जिसमें सुप्रीम कोर्ट के चारों ओर तिलक मार्ग और भगवान दास रोड के फुटपाथों,पटरियों और सडक़ के बीचोबीच पटरियों की मरम्मत और रखरखाव के काम शामिल हैं। उपराज्यपाल ने व्यक्तिगत रूप से इंटरलॉकिंग ब्लॉक बिछाने,पेड़ों की छंटाई, ग्रिल की पेंटिंग और रोड मार्किंग आदि जैसे विभिन्न कार्यों का निरीक्षण और पर्यवेक्षण करते हुए निर्देश दिया कि नई दिल्ली क्षेत्र में तिलक मार्ग और अन्य सडक़ों के सुधार कार्यों को एक एक करके टुकड़े के बजाय व्यापक रूप से एक मुश्त किया जाना चाहिए। इसमें फुटपाथों की मरम्मत, सफेदी,पेंटिंग, सौंदर्यीकरण रेलिंग, रैंप, कर्ब स्टोन,सेंट्रल वर्ज, बिजली के खंभों का उचित रखरखाव और सभी प्रकार के अतिक्रमण को जल्द से जल्द हटाना शामिल है। उन्होंने सडक़ किनारों पर हरित पट्टी के रखरखाव और सुरक्षा के साथ-साथ सडक़ों की दैनिक सफाई और स्वच्छता पर भी जोर दिया। सक्सेना ने तिलक मार्ग और भगवान दास रोड के जीर्णोद्धार को पूरा करने और परियोजना के पहले और बाद की तस्वीरों के साथ इसे एनडीएमसी की वेबसाइट पर डालने के निर्देश दिए ताकि लोग किए गए काम को देख सकें। उपराज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि एनडीएमसी क्षेत्रों में 15 सडक़ों को प्राथमिकता के आधार पर पूरी तरह से सुधारें। उन्होंने अच्छी गुणवत्ता वाली सडक़ों के निर्माण और बड़े पैमाने पर सार्वजनिक सुरक्षा के लिए उनके उचित रखरखाव पर जोर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह नई दिल्ली क्षेत्र में सडक़ों और फुटपाथों से निकलने वाले प्रदूषण धूल के कणों को कम करने के लिए एक दीर्घकालिक उपाय के रूप में भी काम करेगा। उपराज्यपाल ने यह भी दोहराया कि वायु प्रदूषण के प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा करते हुए विभिन्न सडक़ स्वामित्व एजेंसियों द्वारा सडक़ों, फुटपाथों, पटरियों और बीचोबीच बनी पटरियों की मरम्मत, कवरिंग और उन पर सतह बिछाने का काम तुरंत शुरू करने और एक निश्चित समय सीमा के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया था। यह इंगित करते हुए कि पीएम 2.5 के कारण वायु प्रदूषण का 26 प्रतिशत सडक़ों,फुटपाथों, पटरियों ए बीचोबीच पटरियों और अकेले ही मलबे इत्यादि की गतिविधियों से उत्पन्न धूल के कारण होता है । उपराज्यपाल ने यह भी रेखांकित किया कि इसे तुरंत ध्यान में लाकर कार्यवाही करने की आवश्यकता है। सक्सेना ने नई दिल्ली के हरित क्षेत्र को बनाए रखने और संरक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने पेड़ों की छंटाई करने के निर्देश दिए ताकि पेड़ों की आयु में सुधार के साथ-साथ उन्हें एक सुंदर और सौंदर्यपूर्ण आकार दिया जा सके।