देहरादून- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को चमोली जिले में स्थित सीमांत गांव मलारी में भारतीय सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, सीमांत सडक़ संगठन शिवालिक के जवानों और द्वितीय रक्षा पंक्ति के रूप में सीमांत गांव के निवासियों के साथ हर घर तिरंगा कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कार्यक्रम में मलारी के अलावा अन्य सीमांत गांवों- कैलाश पुर, महरगांव, कोषा, द्रोणागिरी, नीति, बांम्पा, गमशाली, फरकिया, झेलम, जुम्मा, कागा और गरपक के लोगों ने भी भाग लिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमाओं पर प्रहरी के रूप में काम करने वाले क्षेत्रवासी और सीमा पर डटे जांबाजों की वजह से ही हम सब सुरक्षित है। आजादी के 75 साल होने पर बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव जन-जन का अभियान बन चुका है और हम सौभाग्यशाली हैं कि इसके साक्षी बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि तिरंगा हमारी आन, बान, शान और अभिमान है।धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत शक्तिशाली और गौरवशाली देश के रूप में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज देश की आजादी के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले क्रांतिकारियों का स्मरण पूरा देश कर रहा है। आगामी 25 साल की अवधि को देश का अमृत काल बताते हुए धामी ने कहा कि उत्तराखंड विकास की ओर अग्रसर है, और 2025 तक प्रदेश को एक आदर्श राज्य बनाने के लिए सरकार संकल्पबद्ध है। कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने मुख्यमंत्री को रक्षासूत्र बांधकर उनकी दीर्घायु की कामना की। उन्होंने बताया कि सीमांत क्षेत्र मलारी में पहली बार मुख्यमंत्री के आगमन पर क्षेत्रवासियों ने उन्वस्त्र व स्मृति चिन्ह भेंट करते हुए पारम्परिक पौणा नृत्य के साथ स्वागत किया।