नई दिल्ली – जन्तर मन्तर पर सनातन रक्षा वाहिनी ने अनशन का आयोजन किया,जिसमें महामहिम राष्ट्रपति माननीय द्रोपती मुर्मू जी एवं माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को ज्ञापन दे कर प्रमूख मांगे रखी गयी, भारत वर्ष को सनातन राष्ट्र घोषित किया जाये,बांग्लादेश में सनातनी हिंदूओं के साथ जो बर्बरता, हिंसा और अपमान हो रहा है तत्काल बंद हो इसके लिए अभिलम्ब गंभीर कदम उठाये जाएं । सनातन धर्म बोर्ड एवं सनातन धर्म संरक्षण आयोग गठन किया जायें।सनातन हिंदू संस्कृति के सभी ऐतिहासिक एवं धार्मिक विवादित स्थलों को अति शीघ्र भारत सरकार अपने नियंत्रण में लें एवं सुरक्षा प्रदान करें। देश के प्रत्येक जिलों में 100 एकड़ गौ चर भूमि सुनिश्चित हो, जिनसे जीवन, संस्कृति व प्रकृति संरक्षित होती रहें। राष्ट्र की शिक्षा व्यवस्था,राष्ट्र की संस्कृति,सुरक्षा व हरियाली सहित विकास के प्रति जिम्मेवार हो। इसलिए संपूर्ण राष्ट्र में निःशुल्क समान शिक्षा व समान स्वास्थ्य प्रणाली लागू किया जायें।भारतवर्ष को सनातन राष्ट्र घोषित किया जायें। राष्ट्र के सभी राज्यों के प्रमुख स्थल पर धर्म ध्वज की स्थापना हो। जो राष्ट्रीय अनुशासन व प्रतिबद्धता का द्योतक हो। प्रकृति संरक्षण, प्रकृति वंदन व अभेद्य लोकतांत्रिक व्यवस्था की मार्गदर्शिका महापर्व छठ व्रत को राष्ट्रीय महापर्व घोषित किया जायें। सनातन रक्षा वाहिनी के मुख्य संयोजक आचार्य पंकज अथर्व ने कहा बांग्लादेश में सनातनी हिंदूओं के साथ जो बर्बरता, हिंसा और अपमान हो रहा है तत्काल बंद हो इसके लिए अभिलम्ब गंभीर कदम उठाये। 1947 भारत बंटवारा संधि भंग करें पुनः अखंड भारत घोषित करें। भारतवर्ष सनातन राष्ट्र है, राजनीति रूप से कोई मज़हब,रिलीजन को मानता हैं।लेकिन प्राकृतिक रूप से सनातनी हैं। हमारा धर्म सनातन जाति हिन्दू है। हमारा सनातन धर्म अधि-भौतिक अधि-दैविक व आधात्म दृष्ट है ये तीनों एक दुसरे से अभिन्न है, माता बहने हमारे सनातन धर्म की मूलाधार है, अनेक युगें के विभिन्न काल खण्ड में हमारे सनातन लोक आस्थाओं में जाति विहीन जड़ता विहीन, भाव भेद विहीन उन्नत मानवीय मूल्यों के प्रति समर्पित रहा है। जिसे गुलामी के कुछ काल खंड में नष्ट करने का प्रयास होता रहा देश के सबुद्ध जनों की ये जिम्मेदारियां है कि अपने समाज को इन विषमताओं से मुक्त करे और शुद्ध सनातन मूल्यों को स्थापित करें । धर्मों रक्षति रक्षितः यतो धर्मस्य ततो जयः छन्दम् लोक तंत्र की आड़ में जाति वैमनस्य की राजनीति किसी भी राष्ट्र का कल्याण नही कर सकता है न ही व्यक्ति का हित साध सकता है । उन्होने कहा समृद्ध राष्ट्र की परिकल्पना केवल और केवल सनातन धर्म के आश्रय में ही संभव है। सनातन लोक तंत्र के बिना समृद्ध राष्ट्र की परिकल्पना नहीं हो सकती है, 1500 वर्षों के गुलामी में आपकी जातियाँ कहाँ थी। ये जाति किस ने लाई। हिन्दुओं में वर्ण व्यवस्था थी जाति व्यवस्था तो थी नहीं। क्या आज का समाज इतना अंधा हो चुका है जो सनातन के शत्रुओं को पहचान नही सकता।आज जातियों में बांट कर सनातनियों को कुचला जा रहा है हमारे धर्म गुरुओं, विद्वानों मनीषियो को मठों में, जंगलों में वनों में, पहाड़ों एवं गुफाओं में छिपने की आवश्कता नहीं बल्कि समाज में अपना सक्रिय योगदान देकर समाज व राष्ट्र को समृद्ध करने की आवश्यकता है । उन्होेंने कहा की सनातन ही एक मात्र लक्ष्य है सनातन राष्ट्र श्रेष्ठ राष्ट्र है, हमारी राष्ट्र की शिक्षा व्यवस्था प्रणाली समान होनी चाहिए अलग अलग शिक्षा पद्धति अलग अलग व्यक्तित्व पैदा करेगा जिससे राष्ट्र खण्डित होता है, आज एक राष्ट्र एक संविधान एक शिक्षा व्यवस्था एक निशान की आज आवश्कता है।उन्होंने कहा आइये हम सभी युवा जन विभिन्न जाति मकड़जाल को त्यागें सनातन को एक अपना धर्म व हिंदू जाति को स्वीकार करें। सनातन रक्षा वाहिनी द्वारा हमारा राष्ट्र सनातन राष्ट्र घोषित किया जाये इस महान उद्देश्य की प्राप्ति लिए एक दिवसीय अनशन कार्यक्रम में भाग लेने आए महान प्रतिभागी सनातन भाई बहनें को जन्तर मंतर के ऐतिहासिक स्थल से हार्दिक स्वागत व नमन सनातन धर्म के सभ्यता संस्कृति को जीवन्त रखने वाले, राष्ट्र की एकता अखण्डता स्वतंत्रता की प्राप्ति के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर वीर गति को प्राप्त हुयें सनातनी राष्ट्र भक्तों को हार्दिक शरद्धांजलि।इस अनशन में, नन्दन झा अध्यक्ष ने अपने संबोधन में जहां सभ्यता संस्कृति का संरक्षण होता वही राष्ट्र सुख समृद्धि होती हैं। चौधरी इंद्रपाल सिंह ने कहां बंगलादेश में हिंदूओ के साथ बर्बरता बंद करे,श्रीकान्त ने कहा की सनातन ही एक मात्र लक्ष्य है सनातन राष्ट्र श्रेष्ठ राष्ट्र है, जैन मुनि राजेंद्र विजय जी ने अपने संबोधन में सनातन संस्कृति को संवर्धन में सहयोगी हर सनातनी का कर्त्तव्य व राष्ट्रहित में हैं। विभु शेखर ने अपने कविता से आदि से हम सनातन धर्मी संस्कृति से हिंदू हैं। तरुण राव ने कहां हमें भेद भाव से ऊपर उठकर सनातनी राष्ट्र प्रतिष्ठि करना हैं। आदित्य नारायण हम सब सनातनी मिलकर भारत को विश्व गुरु के रूप में प्रतिष्ठ करें। पंकज कुमार ने समान शिक्षा से राष्ट्र समृद्ध हो सकता हैं। शिवानन्द ने ये तो सत्य हैं हमारा राष्ट्र सनातन राष्ट्र हैं। संगठन महामंत्री प्रियांक मिश्रा सनातन धर्म से ही राष्ट्र सेवा प्रेरित होता हैं। शशिकांत राष्ट्र की सेवा सनातन संस्कृति ही सीखती हैं। कुंवर तरुण देव सामाजिक समानता सनातन शिक्षा व्यवस्था से ही संभव हैं।अभिषेक ने कहां समान शिक्षा व समान स्वास्थ्य से सनातन संस्कृति संपन्न राष्ट्र का हित होगा । रवि पाठक ने हम सब जातियों ऊपर उठकर राष्ट्र के सनातनी एक हो, माधवी झा सनातन धर्म बोर्ड व संरक्षण आयोग समय की जरूरत है। आर्य प्रियम समान निःशुल्क शिक्षा एवं चिकित्सा से राष्ट्र समृद्ध होगा , आर्य शेषम,अमित सिंह ,पवन ठाकुर,आशीष,अंकित,अवनीश, रवि, वरुण पांडे,सुनील,आभा जैन,राधा, प्रशांता वर्मा,अभिषेक झा,नीरज सिंह,जया,लाल कुमार ठाकुर, सुमन ओझा,शैलजा,सरोज,रविन्द्र,मीनु, राकेश त्रिपाठी,श्रेयाचार्य व आदिति एवं संगठन के वरिष्ठ कार्यकर्ता गणमान उपस्थित रहे।