नई दिल्ली – भारतीय परिवारों में अपनी गहरी पकड़ बनाने वाला डाबर बबूल, आज भी ओरल केयर में विश्वास का प्रतीक बना हुआ है। इस नई पहल के ज़रिए डाबर बाबूल ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि मज़बूत दांतों की नींव “जड़ों“ से होती है। इसके लिए डाबर बबूल सबसे उपयुक्त विकल्प है। मेला: एक सदी पुरानी सांस्कृतिक धरोहर .उत्तर भारत के सबसे रंगारंग और जीवंत मेलों में शुमार नौचंदी मेला, मेरठ में बीते 100 वर्षों से अधिक समय से प्रतिवर्ष आयोजित होता आ रहा है। यह मेला संस्कृति, व्यापार और सामाजिक सहभागिता का अनूठा संगम है। हर साल 10 लाख से अधिक लोग इस मेले का हिस्सा बनते हैं, जिससे यह उपभोक्ताओं से सीधा संवाद स्थापित करने का एक सशक्त माध्यम बन गया है, जो पीढ़ियों और विभिन्न क्षेत्रों को आपस में जोड़ता है। इस ऐतिहासिक मेले में डाबर बबूल ने अपनी नवीनतम पहल के तहत एक विशाल दांत की आकृति का अनावरण किया है, जो प्राकृतिक और अडिग मज़बूती का प्रतीक है। मेले में आए लोगों को ‘रस्साकशी चुनौती’ के ज़रिए इस दांत की ताकत को परखने का मौका दिया गया है। प्रतिभागी इस दांत को खींचकर तोड़ने की कोशिश करते हैं। इस अनुभव से यह स्पष्ट होता है कि यह कार्य उतना सरल नहीं जितना दिखता है।चुनौती में सफल हों या नहीं, हर भागीदार को डाबर बबूल टूथपेस्ट का एक पैक उपहार में दिया जाता है, जिससे वे आयुर्वेदिक ताकत का सीधा अनुभव प्राप्त कर सकें। यह अनोखी गतिविधि डाबर बबूल के अभियान ‘जड़ से मजबूत’ के संदेश को मनोरंजक और भागीदारीपूर्ण अंदाज में प्रस्तुत करती है: जब आपके दांत जड़ों से मजबूत हों, तो कोई भी ताकत आपको डगमगा नहीं सकती। मेले में अनुभव करें विश्व रिकॉर्डधारी ताकत का अद्भुत नज़ारा लाइव स्टंट प्रदर्शन मेले के उत्साह को चरम पर पहुंचाने के लिए पेश होगा एक रोमांचकारी लाइव शो गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्डधारी श्री विकास स्वामी का प्रदर्शन, जो अपने दांतों से 121 किलो वजन उठाने के लिए विख्यात हैं। शुक्रवार से रविवार तक वे लगातार ऐसे शक्ति और कौशल से भरपूर हैरतअंगेज़ करतब दिखाएंगे, जो न केवल दर्शकों को चकित करेंगे, बल्कि यह भी साबित करेंगे कि असल ताकत की जड़ें गहराई में होती हैं। भारत की आयुर्वेदिक विरासत से प्रेरित मौखिक स्वास्थ्य का उत्सव. डाबर के प्रवक्ता का ने कहा, आज के दौर में जहां बाज़ार कृत्रिम वादों से भरे पड़े हैं, डाबर बाबूल एक ऐसा ब्रांड है जो भारत की आयुर्वेदिक परंपरा में गहराई से रचा-बसा है। हमारा नया अभियान ‘जड़ से मज़बूत’ उसी मौलिक शक्ति को समर्पित है जो दिखावे से नहीं, बल्कि हर परिस्थिति में स्थिरता और मजबूती से पहचान बनाती है। इस भावना को जीवंत करने के लिए नौचंदी मेला से उपयुक्त मंच और कोई नहीं हो सकता यह उत्सव भारतीय परंपरा और सामाजिक जुड़ाव का प्रतीक है। इन्फ्लुएंसर्स ने बढ़ाया जोश और जन भागीदारी अभियान के प्रभाव को और व्यापक बनाने के उद्देश्य से डाबर बाबूल ने देशभर के लोकप्रिय और स्थानीय इन्फ्लुएंसर्स को साथ जोड़ा है। ये सभी मेले में आकर इस चुनौती का हिस्सा बन रहे हैं और अपनी प्रेरणादायक मजबूती और आत्मविश्वास की कहानियाँ साझा कर रहे हैं। चाहे वह पहलवान हों, योग प्रशिक्षक, हास्य कलाकार या लोक कलाकार सभी मिलकर एक ही संदेश दे रहे हैं: “जड़ से मज़बूत”। एक सार्थक उद्देश्य से प्रेरित अभियान.इस अभियान में प्रभावशाली विज़ुअल्स और स्थानीय भाषा में प्रस्तुत कहानियों के माध्यम से आम भारतीयों की आंतरिक और भावनात्मक मज़बूती को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है।

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