कोरोना वायरस महामारी के चलते 2020 में लगाए गए लॉकडाउन के दौरान अपने बेटे को घर लाने के लिए जिस महिला ने स्कूटर से करीब।,400 किमी की दूरी तय की थी, वह अब युद्ध प्रभावित यूक्रेन में कई भारतीय छात्रों के साथ अपने 19 वर्षीय बेटे के फंसे होने को लेकर चिंतित है।तेलंगाना के निजामाबाद जिले में एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका रजिया बेगम अपने बेटे निजामुद्दीन अमन की सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रही हैं। उनका बेटा यूक्रेन के सुमी में एमबीबीएस प्रथम वर्ष में है। सुमी, रूसी सीमा के पास स्थित है और ज्यादातर भारतीय छात्र सुमी स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी से संबद्ध हैं। रजिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, राज्य के गृहमंत्री मोहम्मद महमूद अली से रूस और यूक्रेन के साथ तनावपूर्ण गतिरोध के बीच अपने बेटे और अन्य भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने बृहस्पतिवार को पीटीआई-भाषा से कहा कि अमन बंकर में रह रहा है और उनसे फोन पर संपर्क कर रहा है।
रजिया ने कहा, उसने मुझे यह आश्वस्त करने के लिए कॉल किया कि वह ठीक है और मुझे उसके बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। बताया जाता है कि उनका बेटा जिस स्थान पर है, वहां तक परिवहन संपर्क कटा हुआ है। उल्लेखनीय है कि दो साल पहले, कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाए जाने के बाद रजिया बेगम ने पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश स्थित नेल्लोर जिले में फंसे अपेन बेटे को वापस लाने के लिए।,400 किमी की लंबी यात्रा की थी।स्थानीय पुलिस की अनुमति लेकर वह अकेले ही नेल्लोर गई थी और अपने बेटे को लेकर लौटी थी।