नई दिल्ली – भारत का बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा क्षेत्र हर साल 12-14% की दर से बढ़ रहा है। इस बढ़ते क्षेत्र में कौशल विकास और कार्यबल को तैयार करने में यूनेक्स्ट मणिपाल एकेडमी ऑफ बीएफएसआई एक प्रमुख भूमिका निभा रही है। संस्थान ने अब तक 2 लाख से अधिक पेशेवरों को लंबे, छोटे और बीमा-केंद्रित कोर्सों के माध्यम से प्रशिक्षित किया है, जिससे इस उद्योग में कुशल जनशक्ति की कमी को दूर करने में महत्वपूर्ण योगदान मिला है।जनवरी-मार्च 2025 में ही एमएबीएफएसआई ने 5,000 से ज्यादा पेशेवरों को प्रशिक्षण दिया, जो उद्योग की मांग के अनुसार तेजी से प्रतिक्रिया देने की उसकी क्षमता को दर्शाता है। यह संस्थान अब 50 से अधिक बीएफएसआई कंपनियों के साथ साझेदारी में काम कर रहा है और लगातार ऐसे प्रशिक्षित उम्मीदवारों की आपूर्ति कर रहा है जो नौकरी के लिए तैयार और पहले से चयनित होते हैं। इनमें से कई को कोर्स पूरा करते ही निश्चित नियुक्ति मिल जाती है।एमएबीएफएसआई को विशिष्ट बनाता है इसका भविष्य-उन्मुख प्रशिक्षण मॉडल, जिसमें एआई-सक्षम लर्निंग प्लेटफॉर्म और ह्यूमन-डिजिटल मिश्रित शिक्षण प्रणाली का समावेश है। इस आधुनिक प्रणाली से पारंपरिक भर्ती मॉडल की तुलना में कर्मचारियों को लंबे समय तक बनाए रखने में भी सफलता मिलती है।एमएबीएफएसआई के प्रवेश स्तर के प्रशिक्षुओं में 50% से अधिक उत्तर भारत से आते हैं, साथ ही 30-40% महिला भागीदारी यह दिखाती है कि संस्थान पुरुषों और महिलाओं दोनों को समान अवसर दे रहा है। बीएफएसआई क्षेत्र में बिक्री सबसे अधिक मांग वाला कौशल है। इसके साथ ही अब रिलेशनशिप मैनेजमेंट और तकनीकी क्षमताओं पर भी अधिक जोर दिया जा रहा है। बीमा क्षेत्रों में मांग बढ़ने के साथ, एमएबीएफएसआई बैंकिंग, बीमा और एनबीएफसी प्रशिक्षण की मजबूत नींव के दम पर इन उभरती जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार है। डिजिटल बदलाव के इस दौर में, मणिपाल एकेडमी ऑफ बीएफएसआई तकनीक आधारित शिक्षण और मानव नेतृत्व वाले प्रशिक्षण को मिलाकर ऐसे कुशल कर्मचारियों का एक सक्षम नेटवर्क तैयार कर रही है, जो आने वाले समय की जरूरतों को पूरा कर सके।बीएफएसआई उद्योग में प्रतिस्पर्धा में आगे बने रहने और नियामकीय मानकों का पालन करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली प्रतिभा की बेहद जरूरत है।