-दिल्ली बीजेपीः बड़े बेआबरू होकर तेरे पार्क से हम निकले!
-छठ पार्क विवादः दिल्ली के नेताओं ने की भाजपा की किरकिरी

परफैक्ट न्यूज ब्यूरो/नई दिल्ली
‘बड़े बेआबरू होकर तेरे पार्क से हम निकले’ जी हां आखिर कालकाजी के पार्क में छठ घाट बन गया और बीजेपी नेताओं को इसका विरोध छोड़ना पड़ा। इस प्रकरण से भारतीय जनता पार्टी की छवि को धक्का जरूर लगा है। आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ 24 घंटे से ज्यादा चले इस विवाद की वजह से दिल्ली भाजपा की भारी किरकिरी हुई है। दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं और ठीक इससे पहले पार्टी पर धर्म विरोधी आरोप लगने से पार्टी के बड़े नेता नाराज बताए जा रहे हैं।
कालकाजी के अंबेडकर पार्क में छठ घाट बनाए जाने को आम आदमी पार्टी अपनी जीत के रूप में देख रही है। दूसरी ओर दिल्ली भाजपा इस मामले में बैकफुट पर आ गई है। दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को पूर्वांचल के लोगों को छठ पूजा के लिए कालकाजी में घाट बनाए जाने की इजाजत मिलने पर बधाई दी। केजरीवाल ने ट्वीट किया कि ’कुछ लोग पूर्वांचली भाइयों को छठ के लिए घाट नहीं बनाने दे रहे थे। पूर्वांचली भाइयों के साथ संघर्ष किया और अंत में आपकी जीत हुई और अहंकार की हार। घाट अब बन रहा है, बधाई।’’
दरअसल बुधवार को कालकाजी के अंबंडकर पार्क में स्थानीय आप विधायक सौरभ भारद्वाज छठ घाट बनवाने के लिए खुदाई कराने पहुंचे थे। लेकिन स्थानीय भाजपा पार्षद सुभाष भड़ाना ने इसका विरोध शुरू कर दिया। दोनों नेताओं में खींचतान भी हुई, जिसका वीडियो भी खूब वायरल हुआ। पुलिस को सूचना दी गई, और भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया।
भाजपा और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। आप नेता संजय सिंह, स्थानीय विधायक सौरभ भारद्वाज कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गए। आप के कुछ दूसरे विधायक भी धरने में शामिल हो गए। अगले दिन गुरूवार को भी दोनों ओर से तनातनी जारी रही। लेकिन गुरूवार सांय तक नगर निगम और दिल्ली प्रशासन ने अंबेडकर पार्क में घाट बनाने की इजाजत दे दी। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं को अपना विरोध छोड़ना पड़ा और पार्क में खुदाई शुरू हो गई।
प्रदेश भाजपा के नेताओं में नहीं रहा तालमेलः
मामले को राजनीतिक तूल पकड़ते देख प्रदेश भाजपा की ओर से अंबेडकर पार्क में छठ पार्क की मांग के विरोध में गुरूवार को नई दिल्ली से सांसद मीनाक्षी लेखी को मैदान में उतारा गया। लेखी ने कहा कि यदि किसी को छठ पूजा करनी है तो अंबेडकर पार्क के 100 मीटर के दायरे में छठ घाट है, वहां जाकर पूजा कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह ऑर्नामेंटल पार्क है और यहां छठ घाट बनाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। खास बात यह रही कि एक ओर प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीनाक्षी लेखी पार्क में छठ घाट बनाने के विरोध में बयान दे रही थीं, दूसरी ओर बीजेपी की सत्ता वाला दक्षिणी दिल्ली नगर निगम पार्क में घाट बनाने की इजाजत का पत्र जारी कर रहा था।
शाम को मीडिया के सामने आए तिवारीः
दिल्ली बीजेपी नेतृत्व और दूसरे नेताओं में इस मुद्दे पर भी तालमेल नजर नहीं आया। मीनाक्षी लेखी ने जहां अंबेडकर पार्क में छठ घाट के निर्माण पर विरोध जताया। वहीं प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी इस मुद्दे पर बोलने के लिए गुरूवार को सांय 7 बजे सामने आए और मीडिया को बाइट दी। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेताओं ने अंबेडकर पार्क में छठ घाट बनाने की मंजूरी नहीं ली थी। इसलिए वह आप नेताओं के खिलाफ पुलिस में एफआईआर कराएंगे। आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे पर राजनीति की है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि पार्क में छठ घाट के निर्माण का विरोध करने का अधिकार बीजेपी पार्षद को किसने दिया था।
शनिवार को भी अलग राह पर नजर आए तिवारीः
दिल्ली बीजेपी के नेता हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से कोई सबक लेने को तैयार नहीं हैं। शनिवार को एक बार फिर दिल्ली प्रदेश भाजपा के नेता अलग राहों पर चलते नजर आए। शुक्रवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल की भूख हड़ताल में शामिल हुए थे। लेकिन शनिवार को छठ पर्व के दिन उन्होंने अपनी अलग राह पकड़ ली। इसे दिल्ली बीजेपी के मीडिया विभाग की कमजोरी कहें या नेताओं में तालमेल का अभाव कि एक समय पर ही दो बड़े नेताओं के कार्यक्रम रख दिए गए। शनिवार को पहले पौने 11 बजे मीडिया को प्रदेश भाजपा कार्यालय में 3ः30 बजे होने वाली प्रेस कांफ्रेंस की सूचना व्हाट्सएप के जरिए भेजी गई। वहीं टैक्स मैसेज के जरिए दूसरी सूचना प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी के 3ः30 बजे छठ घाट पर जाने के कार्यक्रम की सूचना भेज दी गई। यानी एक ही समय पर दो नेताओं का कार्यक्रम रख दिया गया। जबकि मनोज तिवारी अपना कार्यक्रम पहले से निर्धारित कार्याक्रम के आगे-पीछे रख सकते थे।