नई दिल्ली – धरमशिला नारायणा सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल ने थेलेसीमिया के इलाज में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। महज दो साल के गौरविक को दो साल पहले हैप्लोआइडेंटिकल बोन मैरो ट्रांसप्लांट (BMT) से इलाज दिया गया था, और अब वह बिना किसी ब्लड ट्रांसफ्यूजन के सामान्य बचपन का जीवन जी रहा है। गौरविक को छह माह की उम्र में बीटा थेलेसीमिया मेजर होने का पता चला था। इसके बाद उसका जीवन अस्पताल और लगातार ब्लड ट्रांसफ्यूजन के बीच बीतने लगा। इस बीमारी का एकमात्र इलाज एलोजेनिक बोन मैरो ट्रांसप्लांट है, जिसमें आमतौर पर पूरी तरह एचएलए-मैच डोनर की आवश्यकता होती है। लेकिन भाई-बहनों के बीच ऐसा मैच केवल 25% मामलों में ही संभव होता है। जांच में जब यह सामने आया कि गौरविक की बहन अनन्या केवल आंशिक रूप से मैच कर रही है, तो परिवार ने धरमशिला नारायणा सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल की विशेषज्ञ टीम से संपर्क किया। डॉ. सुपर्णो चक्रवर्ती और डॉ. सरिता जायसवाल के नेतृत्व में हैप्लोआइडेंटिकल ट्रांसप्लांट का सफल प्रयोग किया गया। डॉ. सुपर्णो चक्रवर्ती, प्रमुख, हीमैटोलॉजी और बीएमटी ने कहा, “हैप्लोआइडेंटिकल बीएमटी थेलेसीमिया के इलाज में एक अहम प्रगति है। हमने 2014 में इस मिशन की शुरुआत की थी और हमारा उद्देश्य था कि डोनर की अनुपलब्धता के बावजूद हर बच्चे को उपचार का अवसर मिले। गौरविक की सफलता इस दिशा में हमारी वर्षों की मेहनत और संकल्प का प्रमाण है। गौरविक का ट्रांसप्लांट 1 मई 2023 को हुआ था, जब वह दो साल का था। उसकी बहन अनन्या ने डोनर के रूप में योगदान दिया। अब दो साल बाद, गौरविक पूरी तरह स्वस्थ है और उसे किसी प्रकार के ट्रांसफ्यूजन की जरूरत नहीं पड़ती। डॉ. सरिता जायसवाल, जो गौरविक का इलाज आठ महीने की उम्र से कर रही हैं, ने कहा, “ट्रांसफ्यूजन पर निर्भर एक बच्चे को स्वस्थ और आत्मनिर्भर होते देखना बेहद संतोषजनक अनुभव है। यह कहानी आधुनिक चिकित्सा, विशिष्ट देखभाल प्रोटोकॉल और मरीज व परिवार की असाधारण दृढ़ता का प्रतीक है। आज हम कह सकते हैं कि उन्नत ट्रांसप्लांट तकनीकों की मदद से हम लगभग हर थेलेसीमिया मरीज को इलाज का मौका दे सकते हैं, चाहे उनके पास पूरी तरह मैच करने वाला डोनर न हो। धरमशिला नारायणा सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल 2014 से ऐसे बच्चों के इलाज के अपने मिशन को आगे बढ़ा रहा है, जिन्हें थेलेसीमिया मेजर है और जो एचएलए-मैच फैमिली डोनर की कमी के कारण इलाज से वंचित रह जाते हैं।