नई दिल्ली- दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामलों के बावजूद अस्पतालों में मरीजों की भर्ती दर कम है, और इस भर्ती दर की रफ्तार अब धीमी पड़ी है। यह कहना है दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का। शुक्रवार को उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से रोजाना नए मामले आने के बावजूद भी अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या फिलहाल स्थिर है। यही वजह है कि दिल्ली में कुल 85 फीसद बेड खाली है। लगभग 13 हजार से ज्यादा बेड अभी भी खाली है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि दिल्ली में कोरोना के कारण हुई मौत में 75 फीसद आंकड़ा उनका है, जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई थी।
आंकड़ों से पता चला है कि 90 फीसदी मौतें ऐसे लोगों की है जो किसी न किसी बीमारी से पीडि़त थे। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अस्पताल में पर्याप्त संख्या में बिस्तर उपलब्ध हैं और स्थिति फि़लहाल नियंत्रण में है। किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। कोरोना को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है कि हर समय मास्क पहनें और हर समय कोविड संबंधी सभी प्रोटोकॉल का पालन करें। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा सभी सावधानियां बरती जा रही हैं ताकि संक्रमण की रफ्तार दिल्ली में धीमी पड़ सके। सरकार का जनता से अनुरोध है कि जिस तरह स्वास्थ्य विभाग और हेल्थ वर्कर्स फ्रंट लाइन पर प्रयास कर रहे है उसी ऊर्जा से लोग भी मास्क लगा कर रखें। हाथों को हैंड सैनिटाइजर से साफ करे और सोशल डिस्टेंसिंग का नियम अनुसार पालन करे। दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने वैक्सीन लगने के अभियान को बहुत तेज कर रखा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग मजबूत इम्यूनिटी के साथ वायरस के विरुद्ध लड़ सके।
उन्होंने बताया कि केवल सावधानी ही इसका असल बचाव है। उन्होंने लोगों से सार्वजनिक जगहों पर जाते वक्त सुरक्षा के लिए मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का निवेदन किया। उन्होंने प्रदेशवासियों को प्रेस के माध्यम से कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। वायरस को फैलने से रोकने का एक ही तरीका है कि जब आप अपने घर से बाहर जा रहे हों तो हमेशा मास्क पहनें और हर समय कोविड से संबंधित सभी प्रोटोकॉल का पालन करें।