दिल्ली की मुख्य मार्गों, चौराहों और मेट्रो स्टेशनों के बाहर 600 एलईडी डिस्प्ले स्क्रीन लगाने के लिए सरकार ने 475 करोड़ रुपए से अधिक की राशि मंजूर की है. परियोजना के लिए निविदा जल्द ही मंगाई जाएगी और चयनित विक्रेता सात साल के लिए सेटअप के व्यापक रखरखाव के लिए जिम्मेदार होंगे. इस बारे में अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि व्यय वित्त समिति ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में अपनी अंतिम सप्ताह की बैठक में परियोजना के लिए 475.78 करोड़ रुपए को मंजूरी दी, जिसे अगले एक साल में पूरा किया जाना है.
एलईडी स्क्रीन का उपयोग ग्राफिक्स फिल्मों, प्रदूषण डेटा, सामाजिक संदेशों, सरकारी नीतियों की जानकारी और अन्य प्रासंगिक जनहित की चीजों को प्रदर्शित करने के लिए किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जरूरत पडऩे पर बड़ी संख्या में लोगों तक आपात संदेश पहुंचाने के लिए इनका इस्तेमाल किया जा सकता है.
ये स्क्रीन पीडब्ल्यूडी की सडक़ों पर प्रमुख स्थानों पर 80 फीट और उससे अधिक चौडे रास्तों, चौराहों व सडक़ों के टी पॉइंट, मेट्रो स्टेशन के प्रवेश या निकास पर लगाई जाएंगी. इन पर सामाजिक संदेश, सरकारी नीतियां, प्रदूषण डेटा और जनहित की अन्य जानकारी प्रसारित की जाएगी.
इन स्क्रीनों को 100 से 200 फीट चौड़ी सडक़ों और बड़े ट्रैफिक वॉल्यूम और भारी भीड़ वाली सडक़ों पर स्थापित करना प्राथमिकता होगी। स्थापना को चरणबद्ध ढंग से करने का प्रस्ताव है और पूरी परियोजना एक वर्ष में पूरी होने की उम्मीद है.
इन एलईडी स्क्रीन को विभिन्न श्रेणियों में स्थापित किया जाएगा, जिसमें यूनिपोल संरचना के साथ पोट्र्रेट स्क्रीन, सिंगल डिस्प्ले के साथ लैंडस्केप स्क्रीन, त्रिकोणीय आकार में त्रिकोणीय डिस्प्ले और क्लस्टर मॉनिटर शामिल हैं.
सूचना और ग्राफिक्स के प्रसार और एलईडी सेटअप चलाने के लिए एक कमांड कंट्रोल सेंटर होगा. अधिकारियों ने कहा कि प्रदर्शन के लिए डेटा केंद्रीय नियंत्रण कक्ष में प्राप्त किया जाएगा और प्रसंस्करण के बाद इसे जीएसएम नेटवर्क और क्लाउड सेवाओं की मदद से प्रदर्शित किया जाएगा.