नई दिल्ली- कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन से घबराने की कोई जरूरत नहीं है। विशेषज्ञों ने भी स्पष्ट किया है कि कोरोना का ओमीक्रोन वेरिएंट माइल्ड और कम घातक है। लिहाजा, होम आइसोलेशन में इसका इलाज संभव है। होम आइसोलेशन की अवधि घटा कर 7 दिन कर दी है। 7 दिन के होम आइसोलेशन खत्म होने के अगर 3 दिन तक बुखार नहीं आता तो टेस्ट करने की कोई आवश्यकता नहीं है, आप अपने काम पर वापस लौट सकते हैं। यह कहना है दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का। शुक्रवार को उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि गुरुवार को
पॉजिटिविटी दर 15.34 फीसद रही है। ओमीक्रोन बहुत तेजी से फैल रहा है। दिल्ली में एक्टिव केस की सख्या 31,498 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि दिल्ली सरकार ने कोरोना की रोक-थाम के लिए कड़े नियम लागू किए हैं। जिम, स्कूल कॉलेज और अनावश्यक स्थलों को बंद कर रखा गया है। दिल्ली में लॉकडाउन नहीं लगा है।
मजदूरों को घबराने की कोई जरूरत नहीं: स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि निर्माण कार्य पहले की तरह सामान्य रूप से चलता रहेगा। मजदूरों व प्रवासी कामगारों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने निर्माण मजदूरों को आश्वस्त करते हुए बताया कि दिल्ली में साप्ताहिक कफ्र्यू लगा है, लॉकडाउन नहीं। इसलिए मजदूरों एवं प्रवासी कामगारों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, दिल्ली में केवल साप्ताहिक प्रतिबंध लागू है। कोरोना की रोकथाम के लिए मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना ही बचाव के सबसे बेहतरीन उपाए है। गंभीर लक्षण होने पर ही अस्पतालों का रुख करें। मंत्री ने लोगों से कोरोना से जुड़े नियमों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने लोगों से सार्वजनिक जगहों पर सुरक्षा के लिए मास्क पहनने और सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करने का निवेदन किया और कहा कि केवल सावधानी ही इसका बचाव है। अनावश्यक कार्यों के लिए घर से बाहर न निकलें।
दिल्ली के अस्पतालों में 1091 मरीज ही भर्ती
जैन ने बताया कि दिल्ली के अस्पतालों में कुल 1091 मरीज भर्ती हैं, जिसमें से 869 दिल्ली के मरीज है। कोरोना की पहली लहर से तुलना करें तो इस बार अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या 6 गुना तक कम हुई है। दिल्ली में कोविड की यह पांचवी लहर है और इसका पीक कुछ ही हफ्तों या दिनों में आ सकता है। दिल्ली में कुछ स्वास्थ कर्मियों, डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ के पॉजिटिव होने के मामले भी सामने आये हैं। हालांकि, यह संख्या बहुत कम है। उन सभी का इलाज चल रहा है और उम्मीद है कि वे जल्द ही स्वस्थ हो कर वापस लौटेंगे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से गंभीर से गंभीर परिस्थिति से निपटने के लिए सभी संसाधनों, चिकित्सा केंद्रों और अस्पतालों को तैयार रखा गया है। हम सभी लोगों से अनुरोध करते हैं कि गंभीर लक्षण होने पर ही अस्पताल जाएं। मामूली लक्षण नजर आने पर न घबराएं। गंभीर लक्षण महसूस होने पर ही अस्पताल जाएं। होम आइसोलेशन में इलाज संभव है।