नई दिल्ली- केजरीवाल सरकार का देश के मेंटर कार्यक्रम दिल्ली की शिक्षा में अभूतपूर्व बदलाव ला रहा है। इस कार्यक्रम से अब तक 37 हजार युवा जुड़ चुके हैं जो दिल्ली के सरकारी स्कूल के 1.5 लाख बच्चों को गाइडकर रहे हैं। यह कहना है उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का। सिसोदिया ने ये बातें पटपडग़ंज के वेस्ट विनोद नगर स्कूल में देश के मेंटर कार्यक्रम के मेंटर से बात करते हुए कहीं।
उन्होंने कहा कि जिस देश ने अपनी शिक्षा पर काम किया वो देश आगे बढ़ा है। जापान और अमेरिका आज विकसित देशों की श्रेणी में इसीलिए खड़े हैं क्योंकि इन देशों ने अपनी शिक्षा पर काम किया। केजरीवाल सरकार का फोकस भी शिक्षा पर है। हम भी अपने देश को दुनिया का टॉप देश बनाएंगे। इस दौरान देश के मेंटर ने अपने अनुभव साझा किए। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से देश के मेंटर दिल्ली के सरकारी स्कूल के बच्चों को गाइड कर रहे हैं वो दिन दूर नहीं जब दिल्ली का एक एक बच्चा बेहतर शिक्षा पाएगा और देश को विकसित राष्ट्र बनाने में सहायक बनेगा।
उन्होंने मेंटर के लगन और जज्बे की सराहना करते हुए कहा कि बिना किसी स्वार्थ के मेंटर देश निर्माण में अपना योगदान दे रहे हैं। दिल्ली में जिन बच्चों को कोई गाइड करने वाला नहीं था आज उनको एक बड़ा भाई या एक बड़ी बहन मिल गई है जो उसके साथ सहज तरीके से बात कर रहे हैं और करियर को लेकर आ रही अपनी समस्याओं को साझा कर रहे हैं। और मेंटर अपने अनुभवों के आधार पर उन्हें रास्ता दिखा रहे हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वे मेंटर के अनुभवों को सुन कर बहुत प्रभावित हुए हैं। आप सभी लोग के काम से बहुत प्रेरित हुए हैं।
आप सभी लोग प्रेरणा के स्रोत हैं। हम सब बदलाव के लिए एकत्र हुए हैं। आपके एक निर्णय से बच्चों की जिंदगी बदल रही है। दिल्ली में शिक्षा पर हो रहे बड़े बदलाव का हिस्सा हैं आप। हमारा देश सोने की चिडिय़ा कहलाने वाला देश आज गरीबी में सबसे टॉप पर है। विश्व गुरु कहलाने वाला देश साक्षर होने के लिए संघर्ष हो रहा है। तो पिछले 75 साल में बहुत काम हुआ है लेकिन कुछ तो गलत हुआ है इस देश में जिससे कि हम बहुत पीछे रह गए। उन्होंने कहा कि मैं जब पढ़ता था तो भारत एक विकासशील देश था और आज भी विकासशील देश है। तो हमने शिक्षा के स्तर पर गड़बड़ किया है। हमने सभी बच्चों को बढिय़ा शिक्षा नहीं दी।हमने कुछ बच्चों को बढिय़ा शिक्षा दी लेकिन सभी बच्चों को शानदार शिक्षा की व्यवस्था नहीं की। हमने 2015 से इसको बदलना शुरु किए। लेकिन हमें जरूरत पड़ी एक मेंटर की। आप लोग उसमें जुड़े। आपने बच्चों को गाइड किया। मैं इसको सलाम करता हूं।