नई दिल्ली – दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में, दिल्ली के कुतुबगढ़ रोड, कंझावला स्थित विशाल दिव्यधाम आश्रम में श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के 30वें संस्करण का सफलतापूर्वक आयोजन किया। 1992 में शुरू हुई परंपरा को जारी रखते हुए, इस आयोजन ने आध्यात्मिकता, संस्कृति और प्रासंगिक सामाजिक संदेशों को एक साथ प्रस्तुत किया। लगभग 30,000-40,000 भक्त दिव्यधाम आश्रम में और असंख्य श्रद्धालुगण डीजेजेएस के यूट्यूब चैनल पर लाइव वेबकास्ट के माध्यम से इस कार्यक्रम के साथ जुड़े।इस अवसर पर बोलते हुए, श्रीमती रेखा गुप्ता ने कहा, “दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ सेवा वास्तव में सराहनीय है। संस्थान न केवल आध्यात्मिकता के सन्देश का प्रसार कर रहा है, बल्कि सामाजिक उत्थान के लिए भी कटिबद्ध है। नशामुक्ति कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाने से लेकर महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने तक, संस्थान की पहल दूरगामी है। मैं हमेशा से संस्थान के जन्माष्टमी समारोह में शामिल होना चाहती थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। पर आज मैं मुख्यमंत्री के रूप में यहाँ उपस्थित होकर रोमांचित हूँ, और मेरा मानना है कि ईश्वर की कृपा ही मुझे यहाँ लेकर आई है। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की प्रवक्ता साध्वी तपेश्वरी भारती ने बताया,दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की जन्माष्टमी का उद्देश्य कृष्ण लीलाओं से जुड़ी भ्रांतियों को खत्म करना है। कृष्ण तत्त्व का अपने भीतर प्रत्यक्ष अनुभव व साक्षात्कार किस प्रकार करें, इस परम वैज्ञानिक ब्रह्मज्ञान का प्रसार करना है। रोचक नृत्य और संगीत प्रदर्शनों के माध्यम से यही प्रयास संस्थान प्रतिवर्ष करता है। दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के मार्गदर्शन में, यह उत्सव जन मानस को ईश्वर की आंतरिक अनुभूति की ओर बढ़ाने और भ्रांतियों को दूर करने के लिए आयोजित किया जाता है।इस कार्यक्रम में दिल्ली सरकार के घोषणापत्र 2025 के उद्देश्यों के अनुरूप मनमोहक कृष्ण लीलाओं का प्रदर्शन किया गया। इनमें पौराणिक कथाओं को सामाजिक सुधार के संदेशों के साथ पिरोया गया।इनमें शामिल थे: सुसंस्कृत समृद्ध दिल्ली गोपाल की गौशाला – शंखनाद और मंत्रोच्चार के बीच, श्रीमती रेखा गुप्ता ने गौ पूजन और गौ सेवा की। हरित और स्वच्छ दिल्ली कालिया नाग मर्दन लीला राजनीतिक नेताओं ने पर्यावरणीय नवीनीकरण और यमुना सफाई का संकल्प लिया। मटकी फोड़ लीला एक रोमांचक गतिविधि के रूप में सामने आई, जिसमें हज़ारों कृष्ण भक्तों ने गुलेल से मटकियां फोड़ी। ये मटकियां सामाजिक बुराइयों का प्रतीक थीं। ग्रामीण दिल्ली का विकास कुएँ से मटकी निकालना इस एक्टिविटी में कृष्ण भक्तों ने कुएँ से पानी से भरी मटकियां निकाली, जिसमें ग्रामीण संस्कृति की झलक थी। विकसित दिल्ली का संकल्प कर्तव्य पथ भूलभुलैया बनाम गीता कर्मयोग जीवन की चुनौतियों को प्रदर्शित करते हुए घुमावदार रास्तों से होकर कृष्ण भक्त गुज़रे।इस आयोजन की अन्य प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार थीं:वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शुभ एवं दिव्य शुरुआत: उत्सव की शुरुआत “वसुधैव कुटुम्बकम” के संदेश के साथ हुई, जो सैकड़ों पीताम्बरधारी वेदपाठियों के मंत्रों के माध्यम से गूंज रहा था।मंच पर मंत्रमुग्ध कर देने वाली नृत्य प्रस्तुतियाँ: कालिया नाग का वध और यमुना सफाई अभियान, मीराबाई का क्रांतिकारी व्यक्तित्व, चैतन्य महाप्रभु की भक्ति, भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव इत्यादि।तकनीकी-डिजिटल मंच पर कलाकारों की टोली: डीजेजेएस के 250 से अधिक नि:स्वार्थ, ब्रह्मज्ञानी कलाकारों ने बंगाल और राजस्थान के लोक नृत्यों के साथ-साथ ओडिसी, छऊ और कथक जैसे शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किए। 100 फुट से अधिक चौड़े मंच पर 3000 वर्ग फुट के एलईडी डिस्प्ले पर 8k 3D प्रोजेक्शन प्रदर्शित किए गए, जो एक मनोरम दृश्य की झलक दे रहे थे।ज्ञान-चर्चाएँ और भारत भर से संस्थान के सन्यासी शिष्य: साध्वी डॉ. निधि भारती, साध्वी श्रेया भारती और साध्वी परमा भारती सहित प्रख्यात डीजेजेएस वक्ताओं ने श्री कृष्ण के ज्ञान की वैज्ञानिक और व्यावहारिक व्याख्याएँ साझा कीं। उन्होंने युवा सशक्तिकरण, मानसिक स्वास्थ्य और प्राकृतिक संतुलन जैसी आधुनिक चुनौतियों पर चर्चा की। दुनिया भर से 500 से अधिक सन्यासी और साध्वियाँ एकत्रित हुईं, जिसने वातावरण को आध्यात्मिक तरंगों से स्पंदित कर दिया।डीजेजेएस के बारे में: दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान एक पंजीकृत सामाजिक-आध्यात्मिक, गैर-लाभकारी संस्था है, जिसके संस्थापक व संचालक दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी हैं। दुनिया भर में इसकी 350 से अधिक शाखाएँ हैं और इसका मुख्यालय पीतमपुरा, नई दिल्ली में स्थित है। यह संस्था लाखों अनुयायियों और हजारों समर्पित स्वयंसेवकों के साथ चार दशकों से भी अधिक समय से सक्रिय है। दुनिया भर में संचालित अपनी अनेक शाखाओं के साथ, DJJS का मिशन “आत्म जागृति से विश्व शांति तक” के उद्देश्य पर आधारित है।