नई दिल्ली- मेडिकैप्स विश्वविद्यालय, इंदौर में स्थित टेक्नोलॉजी एनेबलिंग सेंटर भारत में नवाचार, अनुसंधान का व्यावसायीकरण और उद्योग-अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने वाला एक प्रभावशाली उत्प्रेरक बनकर उभर रहा है। यह केंद्र भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तत्वावधान में स्थापित किया गया है, जो एक राष्ट्रीय मिशन का हिस्सा है जिसका उद्देश्य शोधकर्ताओं, अनुसंधान संस्थानों और उद्योगों के बीच एक गतिशील नेटवर्क स्थापित करना है।टीईसी-मेडिकैप्स ने इस दृष्टिकोण को साकार करते हुए एक मजबूत नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया है, जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में कई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस शामिल हैं। ये केंद्र छात्रों, शोधकर्ताओं और स्टार्टअप्स को उनके विचारों को व्यावसायिक और प्रभावशाली समाधान में बदलने के लिए सक्षम वातावरण प्रदान करते हैं। टीईसी-मेडिकैप्स की प्रमुख विशेषता इसकी व्यवहारिक और प्रयोग-आधारित अधोसंरचना है। इसमें सीएनसी मैन्युफैक्चरिंग प्रयोगशालाएं, फार्मेसी प्रोडक्शन यूनिट्स, कृषि परीक्षण प्रयोगशालाएं, 3डी स्कैनिंग व प्रिंटिंग सुविधाएं, और एक अत्याधुनिक इन्क्यूबेशन सेंटर शामिल हैं। यह सभी सुविधाएं शोधकर्ताओं और नवप्रवर्तकों को विचारों से लेकर व्यावसायिक उत्पाद तक की यात्रा में आवश्यक संसाधन और सहयोग प्रदान करती हैं। मेडिकैप्स विश्वविद्यालय में हम मानते हैं कि नवाचार समावेशी, व्यावहारिक और भविष्य केंद्रित होना चाहिए। टीईसी के माध्यम से हम न केवल अनुसंधान को प्रोत्साहित कर रहे हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि इसका प्रभाव उद्योग और समाज पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे। यह भारत को वैश्विक नवाचार शक्ति बनने की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है,” ऐसा कहना है प्रोफेसर बिरजाशीस पटनायक, प्रो वाइस चांसलर, मेडिकैप्स विश्वविद्यालय का। टीईसी-मेडिकैप्स की मजबूत औद्योगिक साझेदारियाँ भी इसकी एक प्रमुख विशेषता हैं। इसने कई एमएसएमई और प्रतिष्ठित कंपनियों जैसे प्रशांति इंजीनियरिंग वर्क्स, नोबेल इंजीनियरिंग, उदित इलेक्ट्रिकल्स और जेकेएम वेंचर्स के साथ साझेदारी की है। ये सहयोग न केवल शैक्षणिक शोधकर्ताओं को उद्योग के साथ सीधे संपर्क का अवसर प्रदान करते हैं, बल्कि संयुक्त रूप से उत्पाद विकास, परीक्षण और बाज़ार एकीकरण को भी संभव बनाते हैं। सुविधाओं और साझेदारियों से आगे, टीईसी-मेडिकैप्स नवाचार को सक्षम बनाने वाली विभिन्न सेवाएं प्रदान करता है। इनमें बौद्धिक संपदा सुविधा, प्रौद्योगिकी लाइसेंसिंग, पायलट परियोजना विकास, व्यावसायीकरण रणनीतियाँ और भविष्य के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं। शैक्षणिक संस्थानों, उद्योगों और एमएसएमई की विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, यह केंद्र सहयोगी नवाचार और समस्या समाधान को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अपने गठन के बाद से, टीईसी-मेडिकैप्स ने सीईओ कॉन्क्लेव, विशेषज्ञ व्याख्यान, क्लस्टर मीट आदि जैसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए हैं, जो उद्योग और अकादमिक जगत के बीच नेटवर्किंग और सहयोग को प्रोत्साहित करते हैं, जिससे औद्योगिक समस्याओं के समाधान मिल सके हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि टीईसी-मेडिकैप्स 22 प्रौद्योगिकी सक्षम केंद्रों के अखिल भारतीय नेटवर्क का हिस्सा है, जिसमें एमिटी विश्वविद्यालय, बीआईटीएस पिलानी, केआईआईटी विश्वविद्यालय, हैदराबाद विश्वविद्यालय और अन्य संस्थान शामिल हैं। मिलकर ये केंद्र विभिन्न क्षेत्रों और भौगोलिक क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी-आधारित प्रगति को सामूहिक रूप से आगे बढ़ा रहे हैं।