नई दिल्ली – सड़क सुरक्षा की आधारशिला जागरूकता से शुरू होती है न केवल वर्तमान में सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी। दो-पहिया वाहन भारत के शहरी क्षेत्रों और युवा आबादी के बीच दैनिक आवागमन का महत्वपूर्ण साधन हैं, इसलिए सही आदतों का प्रारंभिक विकास दीर्घकालिक सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सुरक्षित व्यवहार को बढ़ावा देना भारत की सड़कों पर टिकाऊ और प्रभावी बदलाव लाने के सर्वोत्तम उपायों में से एक है। होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया (एचएमएसआई) ने दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से दिल्ली ट्रैफिक ट्रेनिंग पार्क (बाबा खरक सिंह रोड, कनॉट प्लेस) में रोड सेफ्टी समर कैंप का आयोजन किया। इस पहल में 11-17 वर्ष के 1200 से अधिक छात्रों को सड़क सुरक्षा की मजबूत नींव स्थापित करने हेतु व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया गया। समर कैंप में विद्यालयों, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) और विशेषज्ञ प्रशिक्षकों ने सहभागिता की, जिससे छात्रों के लिए एक संरचित और संवादात्मक अधिगम वातावरण सृजित किया गया। 19 दिवसीय कार्यक्रम के दौरान, प्रतिभागियों को प्राथमिक सड़क सुरक्षा अवधारणाओं, सुरक्षित वाहन संचालन सिद्धांत, यातायात अनुशासन, साइकिल अभ्यास, योग सत्र तथा यातायात प्रशिक्षण जैसे गतिविधियों के माध्यम से शिक्षित किया गया। इन उपायों ने बच्चों को सड़क उपयोगकर्ता के रूप में उनकी जिम्मेदारियों को गहराई से समझने में सहायता प्रदान की। दिल्ली ट्रैफिक ट्रेनिंग पार्क एक व्यावहारिक शिक्षण केंद्र के रूप में कार्य करता है, जहां युवा प्रतिभागियों को नियंत्रित वातावरण में वास्तविक यातायात परिस्थितियों से परिचित कराया जाता है। इस संरचित दृष्टिकोण से उन्हें सुरक्षा सिद्धांतों को व्यावहारिक रूप से समझने और अनुप्रयोग करने में सहायता मिलती है, जिससे वे सड़क पर अपने कार्यों के संभावित परिणामों को गहराई से समझ सकते हैं। युवाओं को जोड़कर और सड़क सुरक्षा की बुनियादी बातों को सिखाकर, इस तरह की पहलें दीर्घकालिक व्यवहार परिवर्तन की नींव रखती हैं। हर जिम्मेदार सवार और पैदल यात्री सुरक्षित सड़क परिवेश बनाने में योगदान करता है, और हर दिन किए गए छोटे-छोटे निर्णय दुर्घटनाओं को रोक सकते हैं और जानें बचा सकते हैं।एचएमएसआई की सड़क सुरक्षा पहलें उसकी वैश्विक दृष्टि से प्रेरित हैं, जिसका लक्ष्य 2050 तक होंडा ऑटोमोबाइल्स और मोटरसाइकिल्स से जुड़ी सभी सड़क दुर्घटनाओं में मौतों को शून्य पर लाना है। भारत सरकार के 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में 50% की कमी लाने के लक्ष्य के साथ मेल खाते हुए, एचएमएसआई अपनी प्रयासों को पूरे भारत में और तेज़ी से फैला रहा है। जैसे-जैसे मोबिलिटी बदल रही है, वैसे-वैसे एक मजबूत सुरक्षा संस्कृति की आवश्यकता बढ़ रही है – जहाँ हेलमेट सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता हो, जहाँ नियमों की अनदेखी नहीं की जाए और जहाँ जागरूकता स्वाभाविक रूप से विकसित हो।एचएमएसआई की सड़क सुरक्षा में निरंतर भागीदारी सिर्फ बेहतर राइडर्स तैयार करने का काम नहीं करती, बल्कि यह समुदायों को मजबूत करने और सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक साझा जिम्मेदारी भी विकसित करती है। सही जानकारी से लैस होकर, एचएमएसआई भारत के व्यापक सड़क सुरक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में सकारात्मक योगदान दे रहा है, जिससे सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित होती है न सिर्फ सवारों के लिए, बल्कि हर किसी के लिए।

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