नई दिल्ली – जैसे ही मानसून की पहली बारिश होती है, गर्मी से तो राहत मिलती है, लेकिन साथ में कुछ नई टेंशन भी आती है, खासकर उन लोगों के लिए जो इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ इस्तेमाल करते हैं। E-rickshaw, डिलीवरी दोपहिया, या बैकअप पावर सिस्टम, सबके लिए ये मौसम एक मुश्किल समय बन जाता है।बारिश के मौसम में नमी, पानी और अचानक बदलते तापमान बैटरी के लिए खतरा बन सकते हैं। और चूंकि इंडिया में बहुत सारे लोग शहरों और छोटे कस्बों में भी, हर रोज़ बैटरी-चालित गाड़ियों पर निर्भर हैं, ऐसे में मानसून में बैटरी की सही देखभाल करना बहुत ज़रूरी है, ताकि परफॉर्मेंस भी बनी रहे और सेफ्टी भी। मानसून में बैटरी पर क्या असर पड़ता है? Lithium बैटरी भले ही टिकाऊ हों, लेकिन बारिश के मौसम में कुछ परेशानियाँ ज़रूर सामने आती हैं: नमी का प्रवेश हवा में ज्यादा नमी और पानी की बूंदें बैटरी सेल और सर्किट को नुकसान पहुंचा सकती हैं। जंग लगना बैटरी के टर्मिनल्स और कनेक्टर्स पर जंग लगने की संभावना बढ़ जाती है। तापमान में उतार-चढ़ाव अचानक ठंडा मौसम बैटरी की परफॉरमेंस पर असर डाल सकता है।शॉर्ट सर्किट अगर इंसुलेशन ढीला हो या पानी घुस जाए तो शॉर्ट सर्किट का रिस्क होता है।अगर इन दिक्कतों को समय रहते न रोका जाए, तो ये सिर्फ परफॉर्मेंस नहीं गिराते बल्कि सेफ्टी के लिए भी खतरा बन सकते हैं। मानसून में बैटरी की देखभाल के लिए जरूरी टिप्स स्टोरेज एरिया को वेदरप्रूफ बनाएं जहाँ बैटरी रखी है, वहां पानी न घुसे इसका खास ख्याल रखें। अगर संभव हो तो IP65 मापदंड वाली बैटरी का इस्तेमाल करें। अंदर की सीलन वाली जगह या खिड़कियों से दूर रखें, और आउटडोर में बैटरी को ऊंचे और इंसुलेटेड प्लेटफॉर्म पर रखें। वेंटिलेशन और ह्यूमिडिटी कंट्रोल करें हवा में नमी चुपचाप बैटरी को खराब कर सकती है। Silica gel पैक या डिह्यूमिडिफायर लगाएं, और कमरे में क्रॉस वेंटिलेशन रखें ताकि फंगस या फफूँद न बने और नमी न रुके। जंग लगने से बचायें हर कुछ दिन में बैटरी को चेक करें। अगर टर्मिनल्स पर सफेद या हरे निशान दिखें तो वो ऑक्सिडेशन के संकेत हैं। सॉफ्ट ब्रश से साफ करें और जंगरोधी spray लगाएं। इलेक्ट्रिकल कनेक्शन को सील करें जहाँ-जहाँ वायर जुड़े हैं, उन्हें ढंग से टाइट करें और waterproof tape या dielectric grease से सील करें। खासकर commercial वाहन में ये ज़रूरी है जहाँ गाड़ियां रोज़ कई बार चलती हैं। डाइग्नॉस्टिक टेस्ट करें स्मार्ट battery management system पर मानसोन में ख़ास नज़र रखें। चार्ज-डिस्चार्ज रेट, वोल्टेज और टेम्परेचर डेटा पर ध्यान दें । इससे छोटी दिक्कतों को बड़े नुकसान में बदलने से पहले पकड़ा जा सकता है।बैटरी को पूरी तरह डिस्चार्ज न होने दें बारिश में बैटरी पर पहले से स्ट्रेस होता है, तो पूरी तरह डिस्चार्ज होने देना नुकसानदेह हो सकता है। बैटरी को हमेशा माध्यम से फुल चार्ज रेंज में रखें।बैटरी की सफाई करें गंदगी और नमी मिलकर कीचड़ बना देती है, जो बैटरी के लिए बहुत हानिकारक होता है। एक सूखे कपड़े या रिकमेंडेड क्लीनर से बैटरी को साफ रखें।पावर कट्स के लिए तैयार रहें बारिश में बिजली जाने की संभावना बढ़ जाती है। बैकअप बैटरियों को चेक करें और चार्जिंग प्लान मौसम के हिसाब से बनाएं, ताकि आप कहीं फंसे न रहें, खासकर अगर आप e-rickshaw या डिलीवरी दोपहिया यूज़र हैं।मानसून तो हर साल आएगा, लेकिन उसकी वजह से आपकी बैटरी खराब हो, ये ज़रूरी नहीं। अगर आप थोड़ी सी सावधानीपूर्वक प्लानिंग और हफ्ते में कुछ मिनट की मेंटेनेंस करें, तो आपकी बैटरी हर मौसम में आपका साथ निभाएगी, चाहे बारिश हो, धूप हो या ठंड।