नई दिल्ली – भारत के निर्यात तंत्र को मज़बूत बनाने हेतु एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए, प्रोसस-समर्थित सीमा-पार भुगतान मंच, ब्रिस्कपे ने भारतीय निर्यातकों का प्रतिनिधित्व करने वाले शीर्ष निकाय, फ़ेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइज़ेशन (फ़िएओ) के साथ एक समझौता-पत्र पर आज हस्ताक्षर किया। इस साझेदारी का उद्देश्य भारतीय निर्यातकों और ख़ास तौर पर एमएसएमई को सरल, अनुपालक, एवं किफ़ायती डिज़िटल भुगतान समाधान उपलब्ध कराना है, जिससे वो वैश्विक बाज़ार में अधिक कुशलतापूर्वक प्रतिस्पर्धा कर सकें।भारत के एमएसएमई निर्यातकों के लिए विकास के खुले द्वार भारत के एमएसएमई द्वारा किए जाने वाले निर्यात में असाधारण वृद्धि हुई है। यह वर्ष 2020-21 के 3.95 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 12.39 लाख करोड़ तक पहुँच गया है। इस अवधि में निर्यात करने वाले एमएसएमई की संख्या भी तीन गुना से अधिक बढ़ गई है, जो भारत के आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने में उनकी प्रमुख भूमिका को दर्शाता है। तब भी, सीमा-पार भुगतान की समयबद्ध एवं किफ़ायती उपलब्धता उनके के लिए सबसे कठिन चुनौतियों में से एक बना हुआ है। इस समझौते से यह चुनौती हल हो जाएगी। इस साझेदारी के होने से, एमएसएमई को न केवल ब्रिस्कपे की उत्कृष्ट तकनीक का लाभ मिलेगा बल्कि फ़िएओ समर्थित व्यापार पहलों, प्रदर्शनियों, एवं वैश्विक क्रेता-विक्रेता सम्मेलनों में शामिल होने का भी मौका मिलेगा और इससे उनकी वैश्विक मौजूदगी बढ़ेगी। इस समझौता-पत्र पर नई दिल्ली स्थित निर्यात भवन में फ़िएओ के महानिदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, डॉ. अजय सहाय, ब्रिस्कपे के सह-संस्थापक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी श्री इंदुनाथ चौधरी और फ़िएओ तथा ब्रिस्कपे के अन्य गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति में हस्ताक्षर किया गया। यह छोटे निर्यातकों के लिए वित्तीय समावेशन की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है, जिससे ई-फ़िरा और ई-बीआरसी जैसे निर्यात दस्तावेज़ों तक निर्बाध पहुँच प्राप्त हो सकेगी और साथ ही उनकी वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता भी मज़बूत होगी। इस पहल पर बोलते हुए, ब्रिस्कपे के सह-संस्थापक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी, इंदुनाथ चौधरी ने कहा, “भारत सरकार के 2 ट्रिलियन डॉलर के निर्यात लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते हुए, यह साझेदारी निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत करने में फिनटेक नवाचार की भूमिका को रेखांकित करती है। फ़िएओ के साथ मिलकर, हम डिजिटल तकनीक को अपनाने को बढ़ावा देंगे, लागत कम करेंगे और सभी आकार के निर्यातकों को वैश्विक बाज़ारों में आत्मविश्वास से आगे बढ़ने के लिए सशक्त बनाएंगे। इस समझौता ज्ञापन के तहत, ब्रिस्कपे का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में भी निर्यातकों तक नवीनतम सीमा-पार भुगतान समाधान उपलब्ध कराना है। फ़िएओ के महानिदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, डॉ. अजय सहाय ने बताया,समयबद्ध और सुचारू रूप से भुगतान सुनिश्चित करना निर्यात तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है। ब्रिस्कपे के साथ हमारा सहयोग उन डिज़िटल समाधानों को रेखांकित करने हेतु एक मंच प्रदान करता है जिससे निर्यातकों को शीघ्र और काफ़ी पारदर्शी तरीके से भुगतान प्राप्त हो सकेगा और वैश्विक व्यापार में अधिक प्रतिस्पर्धी रह पाने में उन्हें मदद मिलेगी। विश्व मंच पर पहचान यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब ओसाका के वर्ल्ड एक्सपो 2025 में ब्रिस्के को भारत के एकमात्र सीमा-पार भुगतान प्लेटफ़ॉर्म के रूप में प्रदर्शित किया जा रहा है। वित्त मंत्रालय के आधिकारिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल के अंतर्गत भारत पैवेलियन में देश का प्रतिनिधित्व कर रहा है।