हेल्‍थकेयर के क्षेत्र में नई-नई टेक्‍नोलॉजीज के आने से देशभर में हेल्‍थकेयर से जुड़ी सेवाओं की गुणवत्‍ता और पहुंच दोनों में काफी सुधार आया है। इस क्षेत्र में टेक्‍नोलॉजी के आसानी से शामिल होने के कारण चिकित्‍सा संबंधी जानकारी और मरीजों के आंकड़ों तक बेहतर पहुंच को भी बढ़ावा मिला है। इतना ही नहीं, हितधारकों के बीच संवाद बेहतर हुआ है, जोकि स्‍वास्‍थ्‍यरक्षा के क्षेत्र का एक महत्‍वपूर्ण पहलू है। टेक्‍नोलॉजी से मिलने वाले फायदों के कारण स्‍वास्‍थ्‍य-प्रौद्योगिकी उद्योग देश में 39% सीएजीआरकी शानदार गति से वृद्धि कर रहा है और जल्‍दी ही यह 50 बिलियन डॉलर का आंकड़ा छू लेगा।महत्‍वपूर्ण क्षेत्र हैं, जहाँ उन्‍नत टेक्‍नोलॉजी प्रभावी रही है। आइये, हम करीब से देखें कि टेक्‍नोलॉजी आने वाले समय में बेहतरीनके लिये पूरे सेक्‍टर को कैसे बदल देगी:हालांकिपैसों के मामले में प्रगतिसे कहींज्‍यादा, स्‍वास्‍थ्‍यरक्षा क्षेत्र में सुधार पर टेक्‍नोलॉजी का प्रभाव अभूतपूर्व रहा है। उदाहरण के लिये, एक व्‍यापक टीकाकरण कार्यक्रम नई टेक्‍नोलॉजीज के बिना आसानी से संभवनहीं हो पाता, जैसा कि महामारी के दौरान देखा गया।

डिजिटल संवाद और मरीज की देखभाल

स्‍वास्‍थ्‍यरक्षा के वातावरण को बदलने में सूचना प्रौद्योगिकी को शामिल करने का उद्देश्‍य नई डिजिटल संवाद प्रक्रिया की पेशकश से जोड़ा जा सकता है। इस क्षेत्र की कंपनियों ने पिछले कुछ वर्षों में नये टूल्‍स पेश किये हैं, जैसे कि एआई-पावर्ड चैटबोट्स, ताकि रिशेड्यूलिंग और ऑर्डर स्‍टेटस जैसी साधारण सवालोंका जवाब दिया जा सके और ग्राहकों/भागीदारों के साथ तेज, पूर्वसक्रिय संवाद बनाये रखकर ग्राहक सेवा करने वाली टीम को ऑटोमेट और विस्‍तृत किया जा सके। इससे सुनिश्चित हुआ है कि मरीजों, भागीदारों और स्‍वास्‍थ्‍यरक्षा प्रदाताओं के बीच संवाद की संपूर्ण गुणवत्‍ता सुधरी है। मरीज की देखभाल की समग्र गुणवत्‍ता को हितधारकों के बीच अबाध संपर्क से और भी बेहतर किया जा सकता है, जिसे हितधारक शामिल करने की कोशिश में हैं।

मरीज के रोग-निदान और आपातकालीन देखभाल की प्रक्रियाएं डिजिटल हुई हैं। चैटबोट्स के अलावाडिजिटल कंसोर्टियम्‍स, रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन और अनुमान के लिये विश्‍लेषण समेत टेक्‍नोलॉजी की उन्‍नतियाँ समूचे उद्योग को बदल सकती हैं। 

विपरीत परिणामों की रोकथाम और सुधार

मरीजों की अन्‍य विभिन्‍न श्रेणियों को आम स्‍वास्‍थ्‍यरक्षा सेवाओं के अलावा आपातकालीन देखभाल और चौबीसों घंटे निगरानी की जरूरत होती है। 2020 में मरने वाले लगभग 45%लोगों को तुरंत चिकित्‍सकीय देखभाल नहीं मिल पाई, जोकि उनकी जानें बचाने के लिये महत्‍वपूर्ण हो सकती थी। अब बेहतर टेक्‍नोलॉजीज के आने से मरीज के महत्‍वपूर्ण मापदंडों पर लगातार नजर रखना संभव है। इस प्रकारविपरीत परिणामों की संभावना काफी कम की जा सकती है। संपर्कशीलता में ज्‍यादा सुधार और स्‍वास्‍थ्‍यरक्षा कंपनियों द्वारा अपने स्‍वामित्‍व वाले उत्‍पादों तथा सेवाओं की पेशकश के साथ, उम्‍मीद है कि भविष्‍य में समस्‍याएं और भी कम होंगी

यूनिवर्सल हेल्‍थ कवरेज

यूनिवर्सल हेल्‍थ कवरेज हासिल करने में टेक्‍नोलॉजी की संपूर्ण भूमिका को अक्‍सर कम आंका जाता है। स्‍वास्‍थ्‍यरक्षा सेवाओं के विभिन्‍न स्‍तरों पर टेक्‍नोलॉजी को शामिल करने और सरकारी तथा निजी क्षेत्र के बीच बेहतर समन्‍वय से, उम्‍मीद है कि स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं की समग्र गुणवत्‍ता, सुरक्षा और प्रभाव बेहतर होगा। सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों को सूचना, चिकित्‍सकीय प्रमाण और सहयोगी टूल्‍स तक बेहतर पहुँच देगी। पॉइंट-ऑफ-केयर डायग्‍नोस्टिक्‍स, क्‍लाउड-बेस्‍ड प्‍लेटफॉर्म्‍स और एआई, दुर्गम क्षेत्रों में मरीजों के रोग-निदान एवं उपचार को आसान बनाएंगे। इस प्रकार, आईसीटी को बेहतर ढंग से शामिल करने से उन सबसे आम में से कुछ समस्‍याएं हल हो सकती हैं, जो यूनिवर्सल हेल्‍थकेयर कवरेज में बाधक हैं।

निजीकृत उपचार एवं तंदुरूस्‍ती की योजनाएं

मरीजों के डाटा और इतिहास के सही और बेहतर प्रबंधन से स्‍वास्‍थ्‍यरक्षा प्रदाता समस्‍याओं का प्रभावी ढंग से मूल्‍यांकन, निगरानी और निदान कर सकेंगे। इसका आशय यह भी होगा कि मरीजों को निजीकृत उपचार प्रदान किये जा सकें और मरीजों की अलग-अलग जरूरतों के आधार पर तंदुरूस्‍ती की योजनाएं बनाई जा सकें। इसके अलावा, स्‍वास्‍थ्‍यरक्षाकर्मियों के लिये मरीजों की आवश्‍यकताओं के अनुसार निगरानी रखकर मौजूदा योजनाओं में बदलाव करना ज्‍यादा आसान होगा। सामान्‍य और आपातकालीन देखभाल प्रदान करने, सूचना साझा करने और संवाद का पूरा तंत्र ज्‍यादा तेज और पारदर्शी बनेगा।

 

सारांश

दुनिया ने हाल ही में सबसे गंभीर स्‍वास्‍थ्‍यरक्षा आपातकालों में से एक को देखा है। विभिन्‍न रोगों की जाँच, निदान और उपचार में टेक्‍नोलॉजी द्वारा निभाई गई संपूर्ण भूमिका को अच्‍छी तरह से प्रलेखित (डॉक्‍युमेंटेड) किया गया है। हालांकि, आईसीटी प्रक्रियाओं में व्‍यापक सुधार के साथ काम के और भी विस्‍तृत होने की उम्‍मीद है। आखिरकार, टेक्‍नोलॉजी की भूमिका सुनिश्चित करेगी कियूनिवर्सल हेल्‍थकेयर कवरेज जैसे कई लक्ष्‍य जोकि काफी समय से लंबित हैं,को हासिल किया जा सके।