मुंबई – इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया आईएएमएआई ने आज बिजनेस करस्‍पॉन्‍डेंट फोरम ऑफ इंडिया के गठन की घोषणा की है। यह मंच देशभर में बिजनेस करस्‍पॉन्‍डेंट्स और कस्‍टमर सर्विस प्वाइंट्स के हितों की हिमायत करेगा।
बीसीएफआई की अध्यक्षता इंटीग्रा माइक्रो सिस्टम्स के को-फाउंडर और चेयरमैन श्री महेश जैन करेंगे, जबकि सह-अध्यक्ष के रूप में पेनियरबाय टेक्‍नोलॉजीज़ के फाउंडर, एमडी एवं सीईओ श्री आनंद कुमार बजाज को नामित किया गया है। इस मंच का उद्देश्य बीसी इकोसिस्टम के विभिन्न क्षेत्रों को संगठित और संरचित प्रतिनिधित्व प्रदान करना है। इसके तहत चार विशेष उप-समितियाँ बनाई गई हैं: ब्रांच बीसी: बैंक शाखाओं का विस्तार,ट्रांजेक्शन बीसी: भुगतान और लेन-देन पर केंद्रित,असेट बीसी और एलएसपी: ऋण वितरण और संग्रह में सहायक.डिजिटल बीसी: डिजिटल वित्तीय सेवा प्रदाता फोरम का लक्ष्य नीति-निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाना, टेक्‍नोलॉजी को बढ़ावा देना और डिजिटल बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाना है, ताकि बीसी और सीएसपी देश के सबसे दूरस्थ इलाकों में भी सुरक्षित, सुगम और प्रभावी वित्तीय सेवाएं प्रदान कर सकें। इंटीग्रा माइक्रो सिस्‍टम्‍स के को-फाउंडर एवं चेयरमैन और बीसीएफआई के अध्यक्ष श्री महेश जैन ने कहा, “भारत में डिजिटल बुनियादी ढांचे और एआई-आधारित बदलावों की तेज रफ्तार के बीच बिजनेस करस्‍पॉन्‍डेंट्स समावेशी वित्तीय पहुंच को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बीसीएफआई के आईएएमएआई के तहत आने से हमारी साझा आवाज को मजबूती मिलेगी, जो जिम्मेदार वित्तीय समावेशन और अंतिम-मील तक सेवाओं की स्थिरता सुनिश्चित करेगी। आईएएमएआई के अध्यक्ष डॉ. सुभो रे ने कहा,आईएएमएआई के तहत बिजनेस करस्‍पॉन्‍डेंट फोरम ऑफ इंडिया का गठन हमारे मिशन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। बीसीएफआई के माध्यम से हम इस क्षेत्र को सशक्त बनाने, एक सशक्त आवाज देने और नीतिगत समर्थन बढ़ाने का प्रयास करेंगे, जो भारत के वित्तीय समावेशन की यात्रा में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। हम सभी साझेदारों के साथ मिलकर एक मजबूत, तकनीक-सक्षम और समावेशी बीसी इकोसिस्टम बनाने के लिए उत्सुक हैं। पेनियरबाय टेक्‍नोलॉजीज़ के फाउंडर, एमडी एवं सीईओ और बीसीएफआई के सह-अध्यक्ष श्री आनंद कुमार बजाज ने कहा,आईएएमएआई के अंतर्गत बीसी फोरम का गठन वित्तीय समावेशन के परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके जरिये हमारा उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना, सहयोग को गहरा करना और डिजिटल वित्तीय सेवाओं के लिए एक अधिक समावेशी ढांचा तैयार करना है। भविष्य में अपार संभावनाएं हैं और हम मिलकर इस भविष्य का निर्माण करने के लिए उत्साहित हैं।