नई दिल्ली – भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर ने भूपत और ज्योति मेहता फैमिली फाउंडेशन के उदार सहयोग से आज आईआईटी इंदौर परिसर में दो नए शैक्षणिक स्कूल स्थापित करने के लिए एक ऐतिहासिक साझेदारी की घोषणा की: मेहता फैमिली स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी , मेहता फैमिली स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज एंड बायोमेडिकल इंजीनियरिंग। ये नए स्कूल, सस्टेनेबलिटी, ए आई और हेल्थ केयर जैसे सामाहिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में शिक्षा और अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए आईआईटी इंदौर की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। मेहता फैमिली फाउंडेशन, के सातवें और आठवें स्कूल की शुरुआत होगी जिससे भारत के अग्रणी उच्च शिक्षा संस्थानों को भविष्योन्मुखी शैक्षणिक कार्यक्रम बनाने में मज़बूती मिलेगी। आईआईटी इंदौर और एमएफएफ का लक्ष्य मिलकर ऐसे विश्वस्तरीय स्कूल बनाना है जो अगली पीढ़ी के मार्गदर्शकों, शोधकर्ताओं और छात्रों को अंतःविषय ज्ञान, व्यावहारिक कौशल और शोध मानसिकता से लैस करेंगे ताकि भारत की तकनीकी प्रगति को और बढ़ाया जा सके। उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. विनीत जोशी ने कहा,विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो. अभय करंदीकर ने कहा, “मैं राहुल मेहता को 2018 से जानता हूँ, जब मैं आईआईटी कानपुर में निदेशक के रूप में कार्यरत था। और इन सात वर्षों से वे हर साल एक नए स्कूल की स्थापना में लगातार सहायता कर रहे हैं, जो कि खुद में एक विशेष उपलब्धि है। मेहता फैमिली फाउंडेशन की विषयगत क्षेत्रों की पहचान करने की क्षमता सराहनीय है और इस माध्यम से वे सरकार की विज्ञान और प्रौद्योगिकी संबंधी प्राथमिकताओं को बारीकी से समझते हैं और उसमें सहायता करते हैं। इस तरह के प्रयास भारत के इनोवेशन इकोसिस्टम को मजबूत करते हैं और अनुसंधान एवं शिक्षा में हमारे भविष्य के राष्ट्रीय लक्ष्यों में सार्थक योगदान देते हैं। जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. राजेश एस. गोखले ने कहा,भविष्य की बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए इंजीनियरिंग और बायोलॉजी का एक साथ उपयोग किया जा रहा है, यह एक प्रेरणादायक कदम है। और यह महत्वपूर्ण है कि आईआईटी वाइब्रेन्ट बायोटेक इकोसिस्टम को बढ़ावा दे रहे हैं और इसमें मेहता फैमिली फाउंडेशन सक्रिय रूप से साथ दे रहा है। वहीं, भविष्य के प्रति उनका यह दृष्टिकोण और स्पष्ट वैज्ञानिक एजेंडा बायो-ई3 नीति जैसे उभरते राष्ट्रीय ढाँचों के साथ अच्छी तरह से संरेखित है। इस प्रकार की सहायता इनोवेशन के औद्योगिकीकरण में मदद करती है और यह सुनिश्चित करती है कि भारत वैश्विक स्तर पर प्रमुख विज्ञान और प्रौद्योगिकी मानकों में सर्वश्रेष्ठ बना रहे। जलवायु-सचेत व्यवहार, नेतृत्व और ज्ञान बढ़ाने के लिए समर्पित एक अनूठा संस्थान, मेहता फैमिली स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी, पर्यावरण अर्थशास्त्र और सतत इंजीनियरिंग (B. Tech in Environmental Economics and Sustainable Engineering) में भारत का पहला बीटेक कार्यक्रम शुरू करने के लिए तैयार है। यह कार्यक्रम अगले दशक में एग्जीक्यूटिव मास्टर और पीएचडी कार्यक्रमों के माध्यम से 400 से अधिक स्नातकों और 1000 से अधिक पेशेवरों का एक कार्यबल तैयार करेगा। यह स्कूल ऊर्जा प्रणालियों और बैटरी प्रौद्योगिकी, पर्यावरण अर्थशास्त्र और पर्यावरण कानून, और जल एवं जलवायु अध्ययन में तीन समर्पित उत्कृष्टता केंद्र भी स्थापित करेगा ताकि प्रौद्योगिकी समाधानों और नीति-निर्माण अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा सके। मेहता फैमिली स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज एंड बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, जीव विज्ञान, प्रौद्योगिकी, डेटा और एआई के संगम पर स्थित एक अग्रणी शैक्षणिक और अनुसंधान केंद्र बनेगा। यह स्कूल अनुसंधान द्वारा चिकनगुनिया और डेंगू जैसी स्थानिक बीमारियों के लिए डेटा-संचालित समाधान विकसित करेगा। हमारे अनुसंधान कार्यक्रम स्वास्थ्य सेवा और जैव सूचना विज्ञान, औषधि खोज, और पहनने योग्य स्वास्थ्य डिवाइस पर आधारित रहेगा। यह स्कूल एक अत्याधुनिक जैव-निर्माण केंद्र स्थापित करने की भी योजना बना रहा है, साथ ही अगले दशक में 1,500 से अधिक छात्रों को दवा, जैव-प्रौद्योगिकी और चिकित्सा उपकरण क्षेत्रों में नवाचार का नेतृत्व करने के लिए तैयार कर रहा है।आईआईटी इंदौर के निदेशक डॉ. सुहास जोशी ने कहा,मेहता फैमिली फाउंडेशन के साथ यह साझेदारी आईआईटी इंदौर के लिए पहला सबसे बड़ा परोपकारी योगदान और संस्थान के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। एमएफएफ, अपनी वित्तीय सहायता के साथ, अकादमिक विशेषज्ञता, उद्योग जगत के नेताओं और अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों का एक गहरा नेटवर्क लाता है। साथ मिलकर, हमारा लक्ष्य अंतःविषय शिक्षा और अनुसंधान में नए मानक स्थापित करना है जो महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों को संबोधित करते हैं। मेहता फैमिली फाउंडेशन के संस्थापक श्री राहुल मेहता ने कहा,भारत का भविष्य ऐसे संस्थानों के पोषण पर टिका है जो जलवायु लचीलापन और नवीन स्वास्थ्य सेवा जैसी चुनौतियों का समाधान करने के लिए बौद्धिक प्रतिभा का निर्माण कर सकें। भारत के हृदय में स्थित आईआईटी इंदौर में देश की तात्कालिक चुनौतियों और भविष्य की आकांक्षाओं, दोनों का समाधान करने में सक्षम अगली पीढ़ी की प्रतिभा को पोषित करने के लिए सभी आवश्यक तत्व मौजूद हैं। मैं प्रो. सुहास और उनकी टीम के नेतृत्व और प्रतिबद्धता से अत्यंत प्रभावित हूँ। मुझे विश्वास है कि आईआईटी इंदौर इन नए क्षेत्रों में अंतःविषय उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में उभरेगा। समझौता ज्ञापन का औपचारिक आदान-प्रदान नई दिल्ली में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो. अभय करंदीकर; जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. राजेश एस. गोखले; मेहता फैमिली फाउंडेशन के संस्थापक श्री राहुल मेहता; आईआईटी इंदौर के निदेशक डॉ. सुहास जोशी; आईआईएसईआर भोपाल के निदेशक प्रो. गोबर्धन दास; और आईआईटी गुवाहाटी के निदेशक प्रो. देवेंद्र जलिहाल की उपस्थिति में हुआ। इस अवसर पर कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन डिएगो के प्रो. शंकर सुब्रमण्यम; पर्ड्यू विश्वविद्यालय के प्रो. अनंत वाई ग्रामा; और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन डिएगो के प्रो. राजेश गुप्ता तथा आईआईटी शिक्षा जगत के अन्य विशिष्ट अतिथि भी उपस्थित थे। यह सहयोग इस बात का उदाहरण है कि किस प्रकार मिशन-संचालित परोपकार और शिक्षा जगत वैश्विक चुनौतियों से निपटने, नवाचार को बढ़ावा देने और अगली पीढ़ी के नेताओं, शोधकर्ताओं और परिवर्तनकर्ताओं को तैयार करने के लिए एकजुट हो सकते हैं।