नई दिल्ली। – सनातन संस्कृति के पुनरुत्थान और युवा पीढ़ी को भारतीय धरोहर से जोड़ने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद एवं भगवा ऐप द्वारा भगवा त्रिशूल यात्रा का शुभारंभ होने जा रहा है। इस यात्रा का लक्ष्य केवल धार्मिक स्थलों का संरक्षण नहीं, बल्कि युवाओं को सनातन संस्कृति, भारतीय इतिहास और मंदिरों के आधुनिकीकरण की मुहिम से जोड़ना भी है। यह यात्रा 1 मार्च 2025 को प्रयागराज से प्रारंभ होकर 29 मार्च 2025 को दिल्ली में भव्य महासम्मेलन के साथ संपन्न होगी। भगवा त्रिशूल यात्रा धार्मिक चेतना के साथ-साथ युवाओं को भारतीय संस्कृति, मंदिर प्रबंधन और आध्यात्मिक नेतृत्व से जोड़ने का एक अभिनव प्रयास है। अंतर्राष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद के इस प्रयास में मंदिरों को डिजिटल तकनीकों से जोड़ने, ऑनलाइन दर्शन की सुविधा, युवाओं को धार्मिक पर्यटन एवं प्राचीन धरोहरों के संरक्षण में संलग्न करने जैसी योजनाएँ बनाई गई हैं। अंतर्राष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश यादव ने कहा, भगवा त्रिशूल यात्रा केवल धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि यह युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ने और भारत की आध्यात्मिक धरोहर को संजोने का एक प्रेरणादायक अभियान है।अंतर्राष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री दीप सिहाग सिसाए ने कहा, हमारा लक्ष्य प्राचीन शिवालयों को पुनर्जीवित कर उन्हें शिव शक्ति केंद्र के रूप में विकसित करना है। यह पहल मंदिरों को न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बनाएगी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आईएमपीसी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश यादव ने स्मार्ट सिटी का स्मार्ट मंदिर का नारा दिया। यह भगवा त्रिशूल यात्रा का आदर्श वाक्य होगा और इससे सभी हिंदुत्व के ध्वजवाहकों को लाभ मिलेगा। ‘सिर्फ़ त्रिशूल की स्थापना ही नहीं, बल्कि हम मंदिरों में सुविधाएं भी शुरू करेंगे यात्रा के माध्यम से 120 पवित्र त्रिशूल विभिन्न राज्यों के चयनित शिवालयों में प्रतिष्ठित किए जाएंगे। इस दौरान विशाल ट्रकों में त्रिशूल यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें 50-100 वाहनों का काफिला भी शामिल होगा।भगवा त्रिशूल यात्रा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश और चंडीगढ़ से होते हुए दिल्ली पहुंचेगी। श्रावण शिवरात्रि (6 जुलाई 2025) को इस यात्रा का भव्य समापन होगा, जब 120 पवित्र त्रिशूलों को प्राचीन शिवालयों में प्रतिष्ठित किया जाएगा।