यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के सरकार के प्रयास जारी रहने के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को अपने मंत्रालय की परामर्श समिति की बैठक में विभिन्न दलों के सांसदों के साथ युद्धग्रस्त देश की स्थिति की जानकारी दी और विपक्षी दलों ने वहां से भारतीयों की निकासी के प्रयासों को लेकर एकजुटता व्यक्त की। जयशंकर की अध्यक्षता में मंत्रालय की परामर्श समिति की बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, शशि थरूर, आनंद शर्मा, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी, राष्ट्रीय जनता दल के प्रेमचंद्र गुप्ता, भाजपा के जी वी एल नरसिंह राव आदि ने हिस्सा लिया। बैठक में छह राजनीतिक दलों के नौ सांसदों ने हिस्सा लिया। सूत्रों ने बताया कि विपक्षी सदस्यों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस की निंदा करने के एक प्रस्ताव पर मतदान के दौरान अनुपस्थित रहने के सरकार का रूख का आमतौर पर समर्थन किया। इसमें विदेश मंत्री जयशंकर के अलावा मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद थे। इसमें विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने यूक्रेन की स्थिति और वहां से भारतीयों को वापस लाने के सरकार के प्रयासों की जानकारी दी। बैठक के बाद शशि थरूर ने संवाददाताओं से कहा, हम सब एकजुट हैं।
जयशंकर ने बैठक के बाद ट्वीट किया, यूक्रेन के घटनाक्रम पर विदेश मंत्रालय की परामर्श समिति की बैठक अभी समाप्त हुई। इस मुद्दे से जुड़े रणनीतिक और मानवीय आयामों पर अच्छी चर्चा हुई। उन्होंने कहा, यूक्रेन से सभी भारतीयों को वापस लाने के प्रयास के पक्ष में मजबूत एवं सर्वसम्मत संदेश। जयशंकर ने कहा, बातचीत और कूटनीति के महत्व पर राष्ट्रीय आम सहमति। हिस्सा लेने के लिए सभी सदस्यों को धन्यवाद। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यूक्रेन पर रूस के हमले के भू राजनीतिक प्रभावों के बारे में पूछा तथा यह जानना चाहा कि रूस ने यूक्रेन में जो किया, वह भारत से निपटने में रूस के लिए क्या उदाहरण हो सकता है, इस पर जयशंकर ने कहा, भारत, यू्क्रेन नहीं है। सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने चीन और पकिस्तान की बढ़ती करीबी और भारत पर इसके प्रभावों का मुद्दा भी उठाया।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस नेताओं ने यूक्रेन के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के रूख का आमतौर पर समर्थन किया हालांकि थरूर सहित कुछ सांसदों ने संयुक्त राष्ट्र में भारत की ओर से पहले दो भाषणों का उल्लेख कर कुछ चिंताएं भी जताई। बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने ट्वीट किया, यूक्रेन के मुद्दे पर विदेश मंत्रालय से संबंधित परामर्श समिति की बैठक हुई। समग्र जानकारी और हमारे सवालों एवं चिंताओं का सटीक जवाब देने के लिए एस जयशंकर और उनके साथियों को आभार व्यक्त करता हूं। यही भावना है जिस पर विदेश नीति चलनी चाहिए। उन्होंने कहा, छह राजनीतिक दलों के नौ सांसदों ने बैठक में हिस्सा लिया।
कांग्रेस से राहुल गांधी, आंनद शर्मा और मैं इसमें शामिल हुए। सौहार्दपूर्ण माहौल में खुलकर चर्चा हुई। थरूर ने कहा, यह इस बात का स्मरण कराता है कि जब राष्ट्रीय हित की बात आती है तो हम सभी पहले भारतीय हैं। तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद ने कहा, मैंने मीडिया द्वारा टिप्पणी करने के आग्रह को ठुकरा दिया क्योंकि बैठक गोपनीय थी। थरूर ने कहा कि उन्होंने विदेश मंत्रालय से आग्रह किया कि इस मुद्दे पर सामान्य स्थिति के मुकाबले ज्यादा विस्तृत बयान जारी किया जाए।कांग्रेस नेता ने कहा, रचनात्मक भावना के साथ बैठक हुई और सभी दल इसको लेकर एकजुट थे कि हमारे नागरिकों को सुरक्षित वापस लाया जाना चाहिए। वहीं, शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने ट्वीट में कहा, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर की अध्यक्षता में परामर्श समिति की बैठक में हिस्सा लिया।
विदेश सचिव ने यूक्रेन की स्थिति और वहां से भारतीयों को वापस लाने के सरकार के प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा, जानकारी देने के लिए उन्हें धन्यवाद तथा हमारे छात्रों को देश वापस लाने के प्रयासों में सभी एकजुट हैं। वहीं, वाईएसआर कांग्रेस की बी वेंकट सत्यवती ने कहा कि बैठक में मंत्रालय ने सांसदों को आश्वस्त किया कि अगले कुछ दिनों में वहां फंसे छात्रों को निकाल लिया जाएगा। भाजपा सांसद जी वी एल नरसिंह राव ने ट्वीट किया, डॉ. एस जयशंकर और विदेश मंत्रालय की टीम को यूक्रेन के मुद्दे पर समय पर बैठक बुलाने और विस्तृत जानकारी देने के लिए धन्यवाद। उन्होंने कहा, यूक्रेन से भारतीयों को सुरक्षित निकालने के अतुलनीय प्रयासों के लिए मैं एक बार फिर आपकी सराहना करता हूं। संकट के समय शानदार नेतृत्व के लिए नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद। इक्कीस सदस्ईय इस परामर्श समिति का मुख्य उद्देश्य सरकार के कार्यक्रमों, नीतियों एवं उनके अनुपालन के बारे में मंत्रियों, सांसदों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के बीच अनौपचारिक चर्चा करने का मंच प्रदान करना है। गौरतलब है कि सोमवार को श्रृंगला ने विदेश मामलों पर संसद की स्थाई समिति को यूक्रेन से भारतीयों को वापस लाने संबंधी ऑपरेशन गंगा के बारे में जानकारी दी थी।