केंद्र सरकार लोगों के बीच यह संदेश फैलाने की योजना बना रही है कि सामाजिक कल्याण योजनाओं से महिलाओं और अनुसूचित जाति-जनजाति समेत आम जनता को किस तरह फायदा पहुंचा है। पिछले हफ्ते विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों को यह निर्देश देने का फैसला लिया गया कि वह अपनी ओर से पिछले साढ़े सात साल में शुरू की गई विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं का ब्योरा तैयार करें। यह भी बताने को कहा गया है कि इन योजनाओं से अब तक कितने लोग लाभान्वित हुए हैं।

इस फैसले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने रविवार को कहा कि पूरी समीक्षा के बाद केंद्र सरकार देशभर में चल रही योजनाओं और उनके लाभों को बताने के लिए एक अभियान शुरू करेगी। बताया जा रहा है कि विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं ने उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में से चार राज्यों में विधानसभा चुनाव जीतने में भाजपा की मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सूत्रों के मुताबिक मंत्रालयों को आंकड़े जुटाने के लिए कहने का फैसला विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से पहले किया गया था। सरकार के अनुसार उज्ज्वला, प्रधानमंत्री आवास योजना और ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम जैसी योजनाओं से लाखों परिवारों को रोजगार सृजन, किफायती आवास और रसोई गैस की सुविधा से लाभ हुआ है। पेट्रोलियम, ग्रामीण विकास, महिला और बाल विकास, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और अल्पसंख्यक मामले कुछ ऐसे प्रमुख मंत्रालय हैं, जिन्होंने सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए अपने बजट से पर्याप्त धनराशि निर्धारित की है। इसके अलावा कोरोना वायरस महामारी के चरम के दौरान केंद्र सरकार ने गरीब और प्रवासी कामगारों को मुफ्त राशन वितरित किया था।