नई दिल्ली – लोकतंत्र मीडियाटेक द्वारा Khul Ke की स्थापना अप्रैल 2021 में की गई थी। इसके फाउंडर पीयूष कुलश्रेष्ठ इससे पहले रियल एस्टेट डिवेलपमेंट, स्टॉक ब्रोकिंग और रेडियो के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं। उन्होंने 2009-10 से सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स का खूब अनुभव लिया और 2015 तक वो जान चुके थे कि सोशल मीडिया की असली क्षमता बहुत ज्यादा है लेकिन उस क्षमता को उपयोग में लाने के लिए बिल्कुल नए तरीके से सोशल नेटवर्किंग पर काम करना होगा। 2016-17 में उन्होंने पहली बार इस दिशा में पहल की। अनुभव बहुत अच्छा रहा लेकिन ये पहल समय से बहुत पहले की गई थी। 2021 में फिर एक नई पहल के साथ “Khul Ke ” प्लैटफॉर्म पर काम शुरू किया और अक्टूबर 2023 में इसे पब्लिक के लिए ऑफिशियली लॉन्च किया गया तब से अभी तक इस प्लैटफॉर्म पर 17 लाख लोग आए हैं, जिसमें से 11 लाख लोग पिछले महीने एक्टिव थे और जिनका एवरेज यूजर टाइम 13 मिनट 30 सेकंड का है।Khul Ke एक ऑल – इन – वन प्लैटफॉर्म है जिसपर आप अनेक फीचर्स का आनंद ले सकते हैं, जैसे शॉर्ट वीडियो, लॉन्ग वीडियो (सीधा प्रसारण भी कर सकते है), माइक्रोब्लॉगिंग, प्राइवेट मैसेजिंग और ऑनलाइन मीटिंग। इससे यूज़र को अपने संवाद के लक्ष्य के आधार पर निर्णय लेकर सही तरीका चुनने में आसानी होगी और लक्ष्य में सफलता मिलेगी। उदाहरण के लिए जैसे शॉर्ट वीडियो पर लोग चाहें तो किसी घटना पर अपने विचार डाल सकते हैं या अपने आस-पास हुई किसी घटना या मुद्दे पर सिटिज़न जर्नलिस्ट की तरह रिपोर्ट दे सकते हैं। खुल के (Khul Ke) के सीईओ और संस्थापक पीयूष कुलश्रेष्ठ कहते हैं कि हमारे पास भरोसेमंद पत्रकारों की एक टीम भी होगी जो खबरों की विश्वसनीयता और उनकी सच्चाई का पता लगाएगी ताकि जनता को फेक और और भ्रमित करने वाली सूचनाओं और समाचारों से बचाया जा सके। ऐसे ही किसी एक विषय पर गहरी चर्चा के लिए राउंडटेबल पर चार-पाँच दोस्तों के बीच वीडियो पर बातचीत की जा सकती है और विषय को ठीक से समझा जा सकता है। धीरे-धीरे अनेक लोग इससे जुड़ सकते हैं। दोस्तों से निजी बातचीत के लिए यैप पर आएँ। वहाँ या तो टेक्स्ट में या ऑडियो-वीडियो कॉल लगा कर आप बात कर सकते हैं और अगर बहुत सारे लोगों के बीच दफ्तर या कोई क्लास या अन्य कोई निजी मीटिंग करनी है तो हमारे मीट-अप पर आ सकते हैं।Khul Ke का मीट-अप प्रोडक्ट विश्व के हर ऑनलाइन मीटिंग प्रोडक्ट को चुनौती देने में सक्षम है। यह पूरी तरह भारत में, भारतीयों द्वारा और भारत के लोगों के लिए बनाया गया है। हम पूरे भारत में शिक्षा का बहुत बड़ा ईकोसिस्टम “Khul Ke” पर बनाने की ओर अग्रसर हैं, जिससे स्कूल, कॉलेज, शिक्षक और छात्र हमारे प्लैटफॉर्म की सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।Khul Ke के संस्थापक का मानना है कि – भारत ने सोशल मीडिया का उपयोग बहुत किया है पर अपना भारतीय ऐप बनाने का काम कुछ सालों से ही शुरू हुआ है। आज सोशल मीडिया के 20 साल बीतने पर करीब 450 करोड़ लोग इन प्लैटफॉर्म्स पर हैं और 7 लाख करोड़ से भी ज्यादा पोस्ट कर चुके हैं। इतना विशाल समूह और इतनी बातचीत के बावजूद भी सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स समाज में सकारात्मक योगदान नहीं दे पाया है। इसके लिए इन प्लैटफॉर्म्स का माहौल ज़िम्मेदार है। अगर माहौल सही हो तो लोग व संस्थान आपस में मिलजुलकर कई उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं और समाज में अपना सकारात्मक योगदान भी दे सकते हैं। अगले बारह महीने में Khul ke की टीम करीब एक करोड़ यूज़र लाने के लक्ष्य पर काम कर रही है। बारह राज्यों में टीम्स गठित करने का काम भी चल रहा है और अगले साल के अंत 60 से 80 घंटे के लम्बे वीडियो और 125 घंटे के छोटे वीडियो रोज़ाना देखने मिलेंगे जिसमें से 50% कॉन्टेंट यूज़र्स द्वारा डाला जाएगा।