नई दिल्ली – गुजरात की अग्रणी निजी संस्था मारवाड़ी यूनिवर्सिटी ने इतिहास रच दिया है। विश्वविद्यालय ने क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स 2026 में अपनी पहली ही प्रविष्टि में एशिया स्तर पर 353वां स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि मारवाड़ी यूनिवर्सिटी को भारत की शीर्ष निजी विश्वविद्यालयों में शामिल करती है और किसी भी भारतीय विश्वविद्यालय की अब तक की सबसे ऊँची पहली रैंकिंग है।इस उपलब्धि के साथ, मारवाड़ी यूनिवर्सिटी को अब गुजरात की नंबर 1 निजी विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ है। यह इसे क्यूएस रैंकिंग्स 2026 में भारत की सर्वश्रेष्ठ निजी विश्वविद्यालयों की श्रेणी में भी लाती है। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स: एशिया 2026 में शामिल यह विश्वविद्यालय एशिया की सबसे युवा निजी यूनिवर्सिटी भी है, जिसने पहली ही बार में यह मुकाम हासिल किया, जो इसकी शैक्षणिक गुणवत्ता, अनुसंधान क्षमता और वैश्विक उत्कृष्टता का गौरवपूर्ण प्रमाण है। क्यूएस क्वैक्वेरेली साइमंड्स द्वारा प्रकाशित क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स एशिया की सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन करती है। इसमें शिक्षा की गुणवत्ता, अनुसंधान और नवाचार, छात्र-शिक्षक अनुपात, प्रतिष्ठा तथा अंतरराष्ट्रीय सहयोग जैसे मानदंड शामिल किए जाते हैं, जो एशियाई उच्च शिक्षा के विविध आयामों को दर्शाते हैं। मारवाड़ी यूनिवर्सिटी ने अंतरराष्ट्रीयकरण और फैकल्टी क्वालिटी के लिए एशिया में शीर्ष 100 में स्थान प्राप्त किया है, जो इसकी मजबूत वैश्विक साझेदारियों, विविध छात्र समुदाय और शैक्षणिक उत्कृष्टता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। गुजरात का प्रतिनिधित्व करते हुए, विश्वविद्यालय अब एशिया की प्रतिष्ठित संस्थाओं की सूची में शामिल हो गया है, जिनमें आईआईटी गांधीनगर (रैंक 300), अहमदाबाद यूनिवर्सिटी (रैंक 851–900), पीडीईयू (रैंक 851–900), पारुल यूनिवर्सिटी (रैंक 1001–1100) और एमएस यूनिवर्सिटी (रैंक 1100–1200) जैसी संस्थाएँ सम्मिलित हैं। इस उपलब्धि के साथ, मारवाड़ी यूनिवर्सिटी क्यूएस रैंकिंग्स 2026 में शामिल गुजरात की चुनिंदा विश्वविद्यालयों में शुमार हो गई है।अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग्स में पहली बार शामिल होना मारवाड़ी यूनिवर्सिटी के लिए एक बड़ा कदम है। यह सम्मान विश्वविद्यालय को एशिया के सबसे उभरते उच्च शिक्षण संस्थानों में विशेष पहचान दिलाता है। यह उपलब्धि इसके सशक्त नेतृत्व, समर्पित शिक्षकों और शोध-आधारित शिक्षा को वैश्विक दृष्टिकोण से जोड़ने वाले प्रगतिशील दृष्टिकोण का परिणाम है।मारवाड़ी यूनिवर्सिटी के प्रो वाइस-चांसलर डॉ. संजीत सिंह ने कहा,क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स 2026 में 353वां स्थान प्राप्त करना हमारे लिए अत्यंत गर्व का क्षण है। यह प्रतिष्ठित उपलब्धि हमारे छात्रों, शिक्षकों और नेतृत्व की उस सामूहिक भावना का प्रमाण है, जो निरंतर उत्कृष्टता की ओर अग्रसर है। पहली ही बार में इतनी ऊँची रैंक हासिल करना हमारे उस दृष्टिकोण को साकार करता है जिसके तहत हम नवाचार, समावेशन और वैश्विक सहयोग के माध्यम से शिक्षा को नए स्वरूप में ढाल रहे हैं। यह उपलब्धि हमें और ऊँचे लक्ष्यों की ओर बढ़ने और एक ऐसी यूनिवर्सिटी बनाने के लिए प्रेरित करती है जो शैक्षणिक उत्कृष्टता और वैश्विक प्रासंगिकता का प्रतीक बने।अपनी स्थापना से ही मारवाड़ी यूनिवर्सिटी ने गुणवत्ता शिक्षा और सामाजिक योगदान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को सिद्ध किया है। विश्वविद्यालय के पास एनबीए मान्यता है, जो पाठ्यक्रम संचालन और मूल्यांकन में अंतरराष्ट्रीय मानकों के पालन की पुष्टि करती है। इसके अलावा, इसे एनएएसी से प्रतिष्ठित A+ ग्रेड मान्यता प्राप्त है जिससे यह भारत के सबसे युवा संस्थानों में एक विशिष्ट पहचान रखता है।मारवाड़ी यूनिवर्सिटी की क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स 2026 राष्ट्रीय स्तर पर उसके प्रदर्शन का भी पूरक है, क्योंकि हाल ही में इसे भारत के शीर्ष 150 विश्वविद्यालयों में शामिल किया गया है। ये सभी मान्यताएँ मिलकर मारवाड़ी यूनिवर्सिटी की राष्ट्रीय और वैश्विक साख को और सुदृढ़ करती हैं।
