गुड़गांव – मैनेजमेन्ट डेवलपमेन्ट इंस्टीट्यूट गुड़गांव ने 12वें एआईएम-एएमए शेठ फाउन्डेशन डॉक्टोरल कन्सोर्टियम एवं इंटरनेशनल मार्केटिंग कॉन्फ्रैन्स 2025 का आयोजन किया, जिसमें दुनिया भर से अकादमिक, उद्योग एवं नीति-निर्माण जगत से प्रतिभाशाली दिग्गज इकट्ठा हुए। इन दोनों आयोजनों ने बौद्धिक विचारों के आदान-प्रदान, विचार नेतृत्व एवं भावी मार्केटिंग पर विचार-विमर्श के लिए महत्वपूर्ण मंच की भूमिका निभाई। 15-16 जुलाई को डॉक्टोरल कन्सोर्टियम में आयोजित स्वागत सत्र का नेतृत्व मार्केटिंग के विश्वस्तरीय दिग्गजों ने किया। जिनमें प्रोफेसर राजेन्द्र श्रीवास्तव, नोवार्टिस प्रोफेसर ऑफ मार्केटिंग एण्ड स्ट्रैटेजी एण्ड इनोवेशन, इंडियन स्कूल ऑफ बिज़नेस; प्रोफेसर वेंकटेश शंकर, कॉक्स स्कूल ऑफ बिज़नेस, सदर्न मेथडिस्ट युनिवर्सिटी, यूएसए; श्री जयंत शाह और प्रोफेसर अरविंद सहाय शामिल थे। इन दिग्गजों ने समाज में मार्केटिंग की बदलती भूमिका पर विचार प्रतुत किए। दो दिवसीय प्रोग्राम के दौरान कई मास्टरक्लासेज़, ग्लोबल कैफे चर्चाएं एवं सम्पादकीय बैठकें हुईं, जहां डिजिटल मार्केटिंग, कन्ज़्यूमर न्यूरोसाइंस, सर्विस मार्केटिंग एवं प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशन जैसे विषयों को कवर किया गया। प्रोफेसर कीर्ति शर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर, चेयरपर्सन- जीपी प्लेसमेन्ट एवं चेयरपर्सन- पीजीडीएम ने कहा एमडीआई गुड़गांव ऐसे वाइब्रेन्ट माहौल का निर्माण करता है, जहां छात्र, फैकल्टी एवं प्रेक्टिशनर्स एक साथ मिलकर मार्केटिंग स्कॉलरशिप के भविष्य को नया आकार देते हैं। ग्लोबल कैफ़े की अध्यक्षता प्रोफेसर कीर्ति शर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर, मार्केटिंग एवं चेयरपर्सन जीपी प्लेसमेन्ट्स एवं चेयरपर्सन- पीजीडीएम और प्रोफेसर नीतू यादव, असिस्टेन्ट प्रोफेसर, स्ट्रैटेजिक मैनेजमेन्ट ने की। मार्केटिंग में मूल्य सृजन की बढ़ती भूमिका पर बात करते हुए मुख्य अतिथि प्रोफेसर राजेन्द्र श्रीवास्तव, नोवार्टिस प्रोफेसर ऑफ मार्केटिंग स्ट्रैटेजी एण्ड इनोवेशन, इंडियन स्कूल ऑफ बिज़नेस ने कहा,21वीं सदी की फर्में पारम्परिक मॉडलों से आगे बढ़कर मूल्य सृजन को बढ़ावा दे रही हैं। प्राइस-टू-बुक वैल्यू रेशो का बढ़ता महत्व इस बदलाव में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। भारतीय फर्में न सिर्फ आगे बढ़ रही हैं बल्कि इनोवेशन और पैमाने के नज़रिए से देखें तो ग्लोबल कंपनियों से भी आगे निकल रही हैं। इस अवसर पर प्रोफेसर वेंकटेश शंकर, कॉक्स स्कूल ऑफ बिज़नेस, सदर्न मेथडिस्ट युनिवर्सिटी, यूएसए ने कहा,एजेंटिक एआई सिर्फ एक टूल नहीं बल्कि एक बदलावकारी शक्ति है, जो एकेडमिक रीसर्च करने और जानकारी हासिल करने के तरीके को बदल देती है। यह हमें नए तरीके से सोचने और विचार करने की चुनौती देती है। प्रोफेसर अरविंद सहाय ने कहा,डॉक्टोरल कन्सोर्टियम एमडीआई गुड़गांव का बड़ा योगदान है जो मैनेजमेन्ट स्कॉलर्स को दुनिया के टॉप मार्केटिंग एवं मैनेजमेन्ट स्कॉलर्स के साथ जोड़ता है, उन्हें अपना कौशल एवं नेटवर्क बढ़ाने में मदद करता है। जो भारत में मैनेजमेन्ट फैकल्टी के लिए गुणवत्ता के निर्माण के लिए बहुत ज़रूरी है। कार्यक्रम के महत्व पर बात करते हुए प्रोफेसर अरविंद सहाय, डायरेक्टर, एमडीआई गुड़गांव ने कहा,12वां एआईएम-एएमए शेठ फाउन्डेशन डॉक्टोरल कन्सोर्टियम और इंटरनेशनल मार्केटिंग कॉन्फ्रैन्स 2025- ज्ञान के आदान प्रदान, आपसी सहयोग से अनुसंधान तथा अकादमिक, उद्योग एवं नीति जगत के बीच समावेशी बातचीत के माध्यम से ग्लोबल लीडर्स को आकार देने की एमडीआई गुड़गांव की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह एमडीआई गुड़गांव द्वारा भारत में उच्च गुणवत्ता के अनुसंधान की आवश्यकता को पूरा करने पर भी ज़ोर देता है।डॉक्टोरल कन्सोर्टियम के बाद 17-18 जुलाई को आयोजित इंटरनेशनल मार्केटिंग कॉन्फ्रैन्स का विषय था ‘द फ्यूचर ऑफ मार्केटिंग इन अ वर्चुअल बॉर्डरलैस वर्ल्ड’। इसकी शुरूआत एक राउण्डटेबल के साथ हुई, जहां नीति आयोग, पर्यावरण मंत्रालय और इन्द्रप्रस्थ गैस लिमिटेड के विशेषज्ञतों ने विकसित भारत में स्थायी उपभोक्तावाद, मार्केटिंग 5.0, एआई और लर्निंग जैसे पहलुओं पर रोशनी डाली।

 

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